नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के दूरसंचार विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसके माध्यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम मेधा में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क' की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया।
जानकारी के अनुसार 20 साल की वैधता अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई, 2022 के अंत तक की जाएगी। साथ ही सरकार ने स्पेक्ट्रम के लिए अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को खत्म कर दिया है और सफल बोलीदाता 5जी स्पेक्ट्रम के लिए 20 ‘ईएमआई' में भुगतान कर सकते हैं।
नीलामी निम्न, मिड और हाई फ़्रीक्वेंसी बैंड में होगी। निम्न में 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज होंगे। 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज होंगे।
मिड में 3300 मेगाहर्ट्ज और हाई 26 गीगाहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी बैंड है। इस नीलामी में देश के तीन प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों- वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो के भाग लेने की उम्मीद है।
मंत्रिपरिषद ने विकास और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए निजी कैप्टिव नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया। सरकार ने कहा कि जल्द ही शुरू की जाने वाली 5जी सेवाएं, 4जी के तहत मौजूदा पेशकश की तुलना में करीब 10 गुना तेज होंगी। आधिकारिक बयान के अनुसार "स्पेक्ट्रम पूरे 5G इको-सिस्टम का एक अभिन्न और आवश्यक हिस्सा है। 5जी सेवाओं में नए युग के व्यवसाय बनाने, उद्यमों के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता है। ऐसी उम्मीद है कि दूरसंचार सेवा देने वाले 5जी प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाओं को रोल आउट करने के लिए मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग करेंगे। जो वर्तमान 4जी सेवाओं की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक होगा।