नई दिल्ली: विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और जोखिम से बचने की भावना के चलते रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे टूटकर अपने सबसे निचले स्तर 78.29 पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर एशियाई मुद्राएं, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने से भी निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुईं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.20 पर खुला, और फिर जमीन खोते हुए 78.29 तक गिर गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
बता दें कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 19 पैसे की भारी गिरावट के साथ 77.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसे रुपये का सबसे निचला स्तर माना गया था. लेकिन सोमवार को स्थिति और खराब हो गई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार से पूंजी की निरंतर निकासी से यह गिरावट आई है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि शेयर बाजार में भारी बिकवाली तथा विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई। शुक्रवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.81 पर खुला था। दिन के कारोबार में यह 77.79 के उच्च स्तर और नीचे में 77.93 तक गया था। वहीं, कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 77.74 रुपये के मुकाबले 19 पैसे की गिरावट के साथ 77.93 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आई गिरावट पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा था, ‘‘जोखिम से बचने की भावना, कमजोर वृहद आर्थिक आंकड़े और मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।''