मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल मार्च के अंत में 28.05 अरब डॉलर घटकर 607.31 अरब डॉलर रह गया, जो सितंबर 2021 के अंत में 635.36 अरब डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी की गई अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। ये रिपोर्ट हर छह महीने में जारी की जाती है। यह हर साल मार्च और सितंबर के अंत की स्थिति के संदर्भ में तैयार की जाती हैं। यह 38वीं रिपोर्ट है, जिसे मार्च 2022 के अंत की स्थिति के संदर्भ में जारी किया गया है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है, "समीक्षा वाली छमाही अवधि के दौरान, सितंबर 2021 के अंत में भंडार 635.36 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो घटकर मार्च 2022 के अंत तक 607.31 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।"
मार्च 2022 के अंत में घरेलू विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई की नेट फॉरवर्ड एसेट (रिसिवेबल) 65.79 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। दिसंबर 2021 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार आयात का कवर (पेमेंट बेसिस के बैंलेंस के आधार पर) सितंबर 2021 के अंत में 14.6 महीने से घटकर 13.1 महीने हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 के अंत तक, आरबीआई के पास 760.42 मीट्रिक टन सोना (11.08 मीट्रिक टन गोल्ड डिपोजिट सहित) था। वहीं, 453.52 मीट्रिक टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास सुरक्षित रखा गया है। 295.82 मीट्रिक टन सोना घरेलू स्तर पर रखा गया है।
वैल्यू (यूएसडी) के संदर्भ में कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2021 के अंत में लगभग 5.88 प्रतिशत थी, जो बढ़कर मार्च 2022 के अंत तक लगभग 7.01 प्रतिशत हो गई। मार्च 2022 के अंत तक, 540.72 बिलियन अमरीकी डॉलर के कुल एफसीए में से, 363.03 बिलियन अमरीकी डॉलर प्रतिभूतियों में निवेश किया गया था, 140.54 बिलियन अमरीकी डॉलर अन्य केंद्रीय बैंकों और बीआईएस के पास जमा किया गया था, और शेष 37.16 बिलियन अमरीकी डॉलर विदेशों में वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा किया गया था।