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वॉशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यूएस में एक कार्यक्रम के दौरान एक बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सरकार की चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के होते विस्तार के बीच एक बड़ा खतरा ये है कि क्रिप्टोकरेंसी का मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग में किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) स्प्रिंग मीट के एक सेमिनार में वित्त मंत्री ने कहा कि 'मुझे लगता है कि यहां मौजूद सभी देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा मनी लॉन्ड्रिंग और करेंसी का इस्तेमाल आतंकवाद की फंडिंग में होना है।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि तकनीक के जरिए नियम-कानून लागू करना ही इसका जवाब होगा। इस कानून को इतना दक्ष होना होगा कि यह तकनीक से ऊपर रहे, और यह संभव नहीं है। अगर कोई भी देश सोचता है कि वो इसे हैंडल कर सकता है। इसपर सबको साथ आना होगा।'

बता दें कि वित्तमंत्री सीतारमण सोमवार को यूएस के आधिकारिक दौरे पर गई हैं, वहां उन्हें वर्ल्ड बैंक, जी20 वित्त मंत्रियों की मीटिंग और सेंट्रल बैंक गवर्नर मीटिंग में हिस्सा लेना है।

अपने पहले दिन के दौरे पर उन्होंने आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्तलीना जॉर्जिवा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में 'मनि एट ए क्रोसरोड' विषय पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया।

आईएमएफ की चीफ ने कहा कि 'हम ऐसे मोड़ पर हैं, जहां सवाल हैं कि कितनी तेजी से, कितनी दूर और कितने विस्तार से इसका ग्रोथ होगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक सीधा रास्ता है, जिसे देखकर ये साफ है कि डिजिटल मनी एक बड़ी भूमिका निभाएंगी।'

कार्यक्रम में वित्त मंत्री सीतारमण ने इन बिंदुओं पर चर्चा की कि डिजिटल वर्ल्ड में भारत की परफॉर्मेंस क्या है, और पिछले एक साल में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए क्या कोशिशें रही हैं, वहीं, कोविड महामारी के दौरान भारत ने डिजिटल सेक्टर को कितनी तेजी से विस्तार दिया है।

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