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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में स्वचालित मार्ग से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है। सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया। मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में स्वत: मार्ग के तहत 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, यह नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी आईपीओ) पर लागू नहीं होता है। इसलिए केंद्रीय कैबिनेट ने नया फैसला लिया है।

एलआईसी का प्रबंधन एक अलग कानून एलआईसी एक्ट के तहत होता है। बाजार नियामक सेबी के नियमों के अनुसार, सार्वजनिक निर्गम पेशकश के तहत एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) और एफडीआई दोनों की अनुमति है। एलआईसी ऐक्ट में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है। लिहाजा विदेशी निवेशक भागीदारी के के मामले में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानकों के अनुरूप बनाने की जरूरत है।

देश का सबसे बड़ा आईपीओ यानी शेयर बाजार में इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग मार्च में आ रहा है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपना आईपीओ (एलआईसी आईपीओ) लेकर आ रही है, ऐसा पहली बार होगा, जब एलआईसी अपने शेयरों का एक बड़ा हिस्सा निवेशकों के लिए खोलेगी। इस आईपीओ में खरीदारी के लिए कंपनी एलआईसी के कर्मचारियों और पॉलिसी धारकों को छूट भी देगी। लेकिन अगर आप प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के भी बीमाधारक हैं, तो आपको भी फायदा होगा।

एलआईसी का आईपीओ मार्च में आने वाला है और इसको सफल बनाने के लिए सरकार और बाजार नियामक सभी तरह के जरूरी उपाय करने में जुटा है।

 

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