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मुंबई: मई महीने में मुद्रास्फीति (महंगाई दर) का आंकड़ा ऊपर जाने के बाद रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंदड़ा ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक आंकड़ों की निगरानी करेगा और ब्याज दरों में तभी कटौती करेगा जब मुद्रास्फीति नीचे आएगी। मई माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर मुंदड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सभी आंकड़ों को देखा जाएगा। यदि कोई गुंजाइश बनेगी, तभी नरम मौद्रिक रख को जारी रखा जा सकेगा।’ मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 5.76% पर पहुंच गई। अप्रैल माह की मुद्रास्फीति के आंकड़े को संशोधित कर 5.39% से 5.47% किया गया है। मई, 2015 में यह 5.01% थी। मुंदड़ा ने यहां पत्रकार तमाल बंद्योपाध्याय की पुस्तक ‘बंधन: द मेकिंग ऑफ ए बैंक’ का विमोचन करते हुए कहा कि अनिश्चितताओं को देखते हुए रिजर्व बैंक नीतिगत कार्रवाई की आगे गुंजाइश के लिए वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा वित्तीय घटनाक्रमों पर निगाह रखेगा। मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर निजी क्षेत्र के आईडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रानिल पैन ने कहा कि मई में इसमें बढ़ोतरी की वजह प्रोटीन वाले उत्पादों के दामों में बढ़ोत्तरी है और मानसून से कोई मदद नहीं मिलने वाली है।

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