मुंबई: किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक और शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया। करीब 9,400 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे माल्या के राजनयिक पासपोर्ट को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सिफारिश पहले ही चार हफ्तों के लिए सस्पेंड किया जा चुका है। दरअसल, ईडी ने 900 करोड़ के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में इस उद्योगपति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया। बता दें कि पिछले करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से माल्या ब्रिटेन में हैं और ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर चुके हैं। लोन धोखाधड़ी मामले में विजय माल्या 9 अप्रैल को लगातार तीसरी बार ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। निदेशालय के नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने मई तक का समय मांगा था, ताकि वह निजी तौर पर पेश हो सकें। ईडी द्वारा तीसरी बार नोटिस भेजने से पहले अधिकारियों ने इस बात की तरफ इशारा किया था कि अगर माल्या फिर से पेश नहीं होते हैं तो उनका पासपोर्ट जब्त किया जाएगा या फिर वह सीधे अदालत में उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरेंट लेने जाएंगे।
गौरतलब है कि 9000 करोड़ के लोन घोटाले के मामले में मार्च में प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को नोटिस जारी किया था। 9 अप्रैल से पहले वह 18 मार्च और 2 अप्रैल को भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ नहीं चुका पाने के मामले में माल्या के ख़िलाफ़ कोर्ट और ट्रिब्यूनल में अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या से 21 अप्रैल तक उनके और उनके परिवार की भारत और विदेश में मौजूद संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा है।