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नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार कार्ड रखने वालों को प्लास्टिक कार्ड पर आईडी की छपाई के लिए व्यापारियों द्वारा 200 रुपये लिए जाने के खिलाफ आगाह किया है। यूआईडीएआई ने कहा कि आधिकारिक उपयोग के लिए उसका कागज पर 'प्रिंटआउट' का उपयोग पूरी तरह वैध है। आधार का प्रबंधन करने वाले प्राधिकरण ने ई-बे, फ्लिपकार्ट तथा आमेजन जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों को इसको लेकर आगाह किया है। प्राधिकरण ने कहा है कि वे उनके प्लेटफॉर्म के जरिये यह काम करने वाले व्यापारियों को बढ़ावा नहीं दे। प्राधिकरण ने कहा कि अगर कोई इसमें शामिल होता है, तो यह आपराधिक कार्रवाई के अंतर्गत आएगा और उसे जेल की सजा हो सकती है। पेपर आधार कार्ड पर्याप्त यूआईडीएआई के महानिदेशक तथा मिशन निदेशक अजय भूषण पांडे ने एक बयान में कहा, 'आधार कार्ड या साधारण कागज पर प्रिंटेड डाउनलोड किया गया आधार कार्ड सभी कार्यों के लिए पूरी तरह वैध है।

अगर किसी व्यक्ति के पास पेपर आधार कार्ड है, तो उसे अपने आधार कार्ड को लैमिनेशन कराने या पैसा देकर प्लास्टिक आधार कार्ड या तथाकथित स्मार्ट आधार कार्ड प्राप्त करने की कोई जरूरत नहीं है।' यूआईडीएआई के अनुसार यह पाया गया है कि अनैतिक कार्य में लगी कुछ इकाइयां स्मार्ट कार्ड के नाम पर प्लास्टिक कार्ड पर आधार की छपाई के लिए 50 से 200 रुपये ले रहे हैं, जबकि उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि साधारण कागज पर डाउनलोड किया गया आधार पूरी तरह वैध है।

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