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कोलकाता: गैर-चांदी के आभूषण पर उत्पाद शुल्क लगाने के रुख में नरमी लाने से इनकार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि ऐसे समय में जब कई आवश्यक वस्तुओं पर करों का भुगतान करना जरूरी है, ‘लग्जरी वस्तुएं’ कर के दायरे में बाहर नहीं रह सकती हैं। उल्लेखनीय है कि गैर-चांदी के आभूषण पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग करते हुए आभूषण निर्माताओं एवं सर्राफा व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग एक महीने से अधिक समय से हड़ताल पर है। यहां प्रेस क्लब में संवाददाताओं के साथ बातचीत में जेटली ने कहा, ‘जब सीमेंट, कपड़ा जैसी आवश्यक वस्तुओं के विनिर्माताओं को कर का भुगतान करना पड़ता है तो कोई लग्जरी वस्तु कैसे कर के दायरे से बाहर रह सकती है। यदि हम सोने पर जीएसटी नहीं लाते हैं तो अन्य वस्तुओं पर कर बढ़ाना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि जब देश जीएसटी की दिशा में बढ़ रहा है ऐसे में लग्जरी वस्तुओं को कर से छूट देने का कोई कारण नहीं बनता।

जेटली ने कहा कि केन्द्र ने एक लाभ दिया है कि सोने पर उत्पाद शुल्क वैट के समान होगा और सरकार ने यह आशंका दूर करने का प्रयास किया है कि कारीगर नए कराधान से प्रभावित नहीं होंगे।

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