नई दिल्ली: कई भारतीयों द्वारा विदेशों में कालाधन छुपाने की ताजा खबरों के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज (सोमवार) कहा कि जिन लोगों ने विदेशों में अपनी अघोषित आय व संपत्तियों का हिसाब देने के लिए सरकार द्वारा पिछले साल उपलब्ध कराए गए अवसर का लाभ नहीं उठाया उन्हें ‘उनका यह खिलवाड़ बहुत महंगा पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि विदेशों में कालाधन छुपाने वालों के खिलाफ वैश्विक पहल के तहत की जा रही बहुपक्षीय व्यवस्था 2017 तक प्रभावी हो जाएगी और उसके बाद लोगों के लिए अपनी गैर कानूनी संपत्ति बाहर छुपाना बहुत मुश्किल होगा। जेटली ने यहां उद्योग मंडल सीआईआई के सालाना अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा,‘ जी20 की पहल, एफएटीसीए (अमेरिका का कानून) तथा द्विपक्षीय संधियों के तहत नयी व्यवस्थाएं 2017 से प्रभावी हो जाएंगी और उसके बाद दुनिया में वित्तीय लेन देन की संस्थागत व्यवस्था अपेक्षाकृत काफी पारदर्शी होगी इसलिए इस तरह खिलवाड़ उन लोगों के लिए बेहद महंगा होगा जो इसमें लिप्त हैं।’ उनका यह बयान एक अखबार में आज ही प्रकाशित इस आशय की खबर के बाद आया है कि 500 से अधिक भारतीयों के नाम कर चोरी के लिए पनाहगाह समझे जाने वाले फर्मों से जुड़े हुए हैं।
यह रपट पनामा की एक विधि सेवा फर्म मोसैक फोंसेका के लीक दस्तावेजों पर आधारित है। समझा जाता है कि इन नामों में भारत की कई जानी मानी हस्तियां शामिल हैं। जेटली ने कहा कि जिन लोगों ने काले धन का विधिवत विवरण जमा कराकर उसे कानूनसम्मत करने के सीमित समय के विकल्प का फायदा नहीं उठाया, उन्हें यह अहसास जरूर होगा कि उनसे गलती हुई है। गौरतलब है कि सरकार ने अघोषित विदेशी आय व आस्ति कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत भारतीयों को विदेशों में रखी किसी अघोषित संपत्ति का खुलासा करने के लिए अपना नाम गुप्त रखने की सुविधा के साथ 90 दिन का अवसर दिया था। मात्र एक बार के लिए इस अवसर की अवधि गत 30 सितंबर को समाप्त हो गई। इसके तहत घोषणा करने वाले को घोषित संपत्ति के लिए 30 प्रतिशत कर तथा 30 प्रतिशत जुर्माना देना था। इसके तहत सरकार के समक्ष 4,147 करोड़ रपये मूल्य की संपत्ति का खुलासा किया गया। इस कानून के तहत लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई और तीन से दस साल तक की सजा का प्रावधान है। सरकार ने इस बार के बजट में देश में बेहिसाब धन संपत्ति रखने वालों के लिए कानून के अनुपालन का एक मौका देने की घोषणा की है। चार महीने के लिए यह मौका जून से दिया जाएगा। इसके तहत व्यक्ति अपनी अघोषित संपत्ति को कर व जुर्माने सहित कुल 45 प्रतिशत राशि का भुगतान कर, अनुपालन कर सकेंगे।