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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

वाशिंगटन: ट्रम्प प्रशासन ने आज व्यापार एवं व्यक्तिगत श्रेणियों दोनों में कर की दरों में काफी कमी के जरिये आज महत्वपूर्ण कर कटौती की घोषणा की और इसे ‘‘अमेरिकी इतिहास में हुई सबसे बड़ी कर कटौतियों में से एक’’ बताया। डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन के चुनावी वादे में कर की दर में कटौती करने का वादा शामिल था। नये कर प्रस्ताव के तहत कॉरपोरेट कर को मौजूदा 35 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करना, व्यक्तिगत कर की दरों में महत्वपूर्ण कटौती करना और मृत्यु कर जैसे कई करों की दर खत्म करना शामिल है।

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने पेंटागन को इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या तय करने की अधिक छूट दी है। इसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सैन्य नेताओं को अधिक शक्ति देने की दिशा में उठाए गए एक अन्य कदम के तौर पर देखा जा रहा है। इस निर्णय के बाद रक्षा मंत्री जिम मैट्टिस के पास सीरिया में अधिक बल भेजने का अधिकार होगा, जो राका पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यह शहर अभी इस्लामिक स्टेट समूह के कब्जे में है, जो उसका इस्तेमाल राजधानी के रूप में करता रहा है। इससे उन्हें इराक में भी बल की संख्या को तय करने की शक्ति मिल जाएगी। पेंटागन पहले ही इन दोनों देशों में हाल में अपने सैन्य स्तर में वृद्धि कर चुका है।

दुबई: संयुक्त अरब अमीरात की एक अदालत ने एक ईरानी कारोबारी को इलेक्ट्रिानिक मोटर एवं ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने वाली अन्य डिवाइस लाने के प्रयास का दोषी ठहराते हुये 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने बुधवार को जारी एक रपट में इस कारोबारी की पहचान केवल एमएमएआर के रूप में बतायी है। इसमें कहा गया है कि उसे ‘परमाणु हथियारों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध’ के उल्लंघन का दोषी पाया गया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि वह ईरानी कारोबारी यहां किस प्रकार की सामाग्री लाने का प्रयास कर रहा था और क्या इसका इस्तेमाल परमााणु बम बनाने के लिये किया जा सकता है। ईरान लंबे समय से अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से करने की बात कहता रहा है।

बीजिंग: चीन ने अशांत मुस्लिम बहुल शिनझियांग प्रांत में बच्चों के 'सद्दाम' और 'जिहाद' जैसे दर्जनों इस्लामी नाम रखने पर पाबंदी लगा दी है जिसके बारे में एक प्रमुख मानवाधिकार समूह का कहना है कि इस कदम से इस समुदाय के बच्चे शिक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित होंगे। मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार शिनझियांग के अधिकारियों ने हाल ही में धार्मिक संकेत देने वाले दर्जनों नामों पर प्रतिबंध लगा दिया है जो दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में आम हैं। पाबंदी लगाने के पीछे कारण बताया गया है कि इन नामों से धार्मिक भावनाएं तेज हो सकती हैं। रेडियो फ्री एशिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के जातीय अल्पसंख्यकों के नाम रखने के नियमों के तहत बच्चों के इस्लाम, कुरान, मक्का, जिहाद, इमाम, सद्दाम, हज और मदीना जैसे कई नाम रखने पर रोक लगाई गई है। संगठन के अनुसार प्रतिबंधित नाम वाले बच्चे 'हुकोउ' यानी घर का पंजीकरण नहीं हासिल कर सकेंगे जो सरकारी स्कूलों और अन्य सामाजिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है । नया फैसला इस संकटग्रस्त क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ चीन की लड़ाई का हिस्सा है । इस क्षेत्र में एक करोड़ मुस्लिम उइगर जातीय अल्पसंख्यक आबादी रहती है।

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