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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

वाशिंगटन: अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने उत्तर कोरिया की ओर से संभावित परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे पर नजर रखने के लिए एक विशेष इकाई का गठन किया है। सीआईए निदेशक माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया शासन की ओर से पेश की जा रही चुनौतियों से निपटने में कोरिया मिशन सेंटर एजेंसी की सामग्री संसाधन, क्षमताओं और प्राधिकारियों का उपयोग करेगा। उन्होंने कहा, कोरिया मिशन सेंटर की स्थापना करने से उत्तर कोरिया की तरफ से अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए उत्पन्न हो रहे गंभीर खतरों से निपटने में सीआईए के प्रयासों को अधिक उद्देश्यपूर्ण रूप से एकीकृत करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीआईए के अभियानों से जुड़े एक अनुभवी अधिकारी को कोरिया मामलों पर नजर रखने के लिए नया सहायक निदेशक चुना गया है। वह मिशन सेंटर का प्रभारी होगा।

 

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान ने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की एक बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के समक्ष कश्मीर के मुद्दे को उठाया और भारत के साथ मिलकर शांतिपूर्ण समाधान निकाले जाने की अपील की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने आईओसी के राजदूतों की संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ सोमवार (8 मई) को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक घंटे चली बैठक के दौरान कश्मीर में कथित रूप से खराब होते हालात से निपटने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सूत्रों ने बताया कि मलीहा ने बैठक में कश्मीर मुद्दे के ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की अपील करते हुए कहा कि बढ़ते तनाव से दक्षिण एशिया अस्थिर हो सकता है। मलीहा ने कहा कि उपमहाद्वीप में एक अन्य संकट को टालने के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंडे में कश्मीर के पुराने मुद्दे और हर आईओसी विज्ञप्ति में शामिल किए जाने वाले इस मुद्दे का निपटारा किया जाना चाहिए। इसके अलावा बैठक में फलस्तीन, इस्लाम को लेकर पूर्वाग्रह अैर रोहिंग्या मुसलमानों के समक्ष पैदा हुई स्थिति पर भी चर्चा की गई। गुतारेस भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़े तनाव के बीच कश्मीर में स्थिति पर निकटता से नजर रख रहे हैं लेकिन उन्होंने मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं किया है।

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चौंकाने वाला एक कदम उठाते हुए एफबीआई निदेशक जेम्स कोमी को बुधवार (10 मई) को बर्खास्त कर दिया। इस तरह उन्होंने उस शीर्ष अधिकारी को अचानक बर्खास्त कर दिया जो इस मामले में आपराधिक जांच का नेतृत्व कर रहा था कि क्या ट्रंप मुहिम ने वर्ष 2016 में हुए अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के लिए रूस के साथ साठ गांठ की थी या नहीं। कोमी ने अपनी इस घोषणा की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री रहते हुए हिलेरी क्लिंटन द्वारा निजी ईमेल सर्वर के इस्तेमाल को लेकर एफबीआई की जांच में कोमी के नेतृत्व का हवाला दिया। एफबीआई निदेशक के तौर पर 10 साल के कार्यकाल में 56 वर्षीय कोमी का यह चौथा साल था। उन्हें ट्रंप ने सूचित किया कि वह ब्यूरो का प्रभावशाली नेतृत्व करने में अब सक्षम नहीं है और इसमें ‘लोगों का विश्वास’ पुन: कायम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘इस कारण से आपको तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाता है और कार्यालय से हटाया जाता है।’ यह आश्चर्यजनक कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कुछ ही दिन पहले कोमी ने चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और रूस एवं ट्रंप की मुहिम के बीच संभावित साठ गांठ पर एफबीआई की जांच के बारे में कैपिटोल हिल के समक्ष बयान दिया था। कोमी हिलेरी के निजी ईमेल सर्वर के इस्तेमाल की जांच करने को लेकर हाल में फिर से विवादों में घिर गए थे।

मेलबर्न: ऑस्ट्रेलियाई सांसद लारिसा वॉटर्स संसद में कारवाई के दौरान अपनी दो माह की बच्ची आलिया जॉय को स्तनपान करने वाली पहली ऑस्ट्रेलिया सांसद बन गई हैं। वामपंथी ग्रीन्स पार्टी की सांसद वॉटर्स अपने काम के प्रति काफी ईमानदार हैं और अपने मां होने की जिम्मेदारी को भी बखूबी समझती हैं। मां बनने के दो महीने बाद ही वॉटर्स काम पर लौट आईं और अपनी बच्ची आलिया जॉय की देखभाल के लिए उसे भी सदन में साथ लाईं। सदन की कारवाई चल ही रही थी कि आलिया को भूख लग गई और वह रोने लगी तो वॉटर्स ने उसे दूध पिलाया। उनके इस कदम की साथी सांसदों ने खूब प्रशंसा की। ऑस्ट्रेलिया के निम्न सदन 'ऑस्ट्रेलियन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव' में पिछले साल ही मां बनने वाली सांसदों को सदन की कारवाई के दौरान बच्चों को स्तनपान कराने की मंजूरी दी गई थी। हालांकि अब तक किसी ने ऐसा नहीं किया था। वॉटर्स ही पहली महिला सांसद हैं जिन्होंने अपनी बेटी को सदन में दूध पिलाया। इस बात से खुश वॉटर्स ने फेसबुक पर लिखा, हमें अपने कार्यस्थलों को माओं की सुविधानुसार बनाने की जरूरत है। लेबर पार्टी की सांसद केटी गालाघेर ने इसे असाधारण क्षण बताया। सरकार में मंत्री केली ओड्वेयर ने 2015 में संसद में स्तनपान को मंजूरी देने की मांग उठाई थी ताकि सांसद अपने संसदीय कर्तव्यों को सुचारू रूप से निभा सकें।

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