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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

रियाद: घरेलू मोर्चे पर घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को पहली विदेश यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे। यात्रा के पहले दिन अमेरिका ने सऊदी अरब से 110 अरब डॉलर (7090 करोड़ रुपये) के हथियार बेचने का सौदा किया। ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ रियाद पहुंचे, जहां हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। सऊदी शासक किंग सलमान खुद उनकी अगवानी करने पहुंचे। गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उनकी टीम के रूस से संबंधों को लेकर निशाने पर हैं। ट्रंप खुद जांच बंद करने के लिए एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे पर दबाव डालने के आरोप का सामना कर रहे हैं। मेलानिया अन्य विदेशी हस्तियों की तरह बिना सिर ढंके एयरफोर्स वन से बाहर आईं। सऊदी अरब में महिलाओं को सिर ढंकने की परंपरा है। ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने पहली विदेश यात्रा के लिए किसी मुस्लिम देश को चुना है। सऊदी से अरबों डॉलर के सौदे का दाम घटाने के लिए ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर ने लॉकहीड मार्टिन के एक अधिकारी को फोन किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, जब कुशनर को पता चला कि अधिक कीमत के कारण सऊदी अरब इस प्रणाली को खरीदने से पीछे हट सकता है, तो उन्होंने लॉकहीड मार्टिन की सीईओ मेरिलिन ए ह्यूसन को फोन किया।

बेरूत: आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने मध्य सीरिया के हमा प्रांत में गुरुवार (18 मई) को सरकार के नियंत्रण वाले दो गांवों पर हमले कर 50 से अधिक लोगों की जान ले ली। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फोर ह्यमून राइट्स ने कहा कि अकरेब और अल मबुजेह गांवों में हुए हमले में कम से कम 15 आम नागरिक और 27 सरकार समर्थक लड़ाके मारे गए। संगठन ने कहा कि दस और शवों की शिनाख्त होनी बाकी है। निगरानी समूह ने कहा कि प्रांत के पूर्वी हिस्से के दो गांवों में तड़के हुए हमले के दौरान आईएस के 15 लड़ाके भी मारे गए। सरकारी समाचार एजेंसी सना ने हमले की खबर देते हुए बताया कि अकरेब गांव में 20 आम नागरिक मारे गए। इसमें अल मबुजेह का जिक्र नहीं किया गया। खबर के अनुसार अधिकतर नागरिकों के सिर काट दिए गए। निगरानी समूह के निदेशक रामी अब्देल रहमान ने कहा कि हमले में मारे गए कम से कम तीन आम नागरिकों को फांसी दी गयी। तीनों में एक व्यक्ति और उसके दो बच्चे शामिल हैं। यह साफ नहीं हुआ है कि अन्य लोगों को भी फांसी दी गयी या वे लड़ाई में मारे गए।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने राष्ट्रद्रोह के मामले की सुनवाई का सामना करने के लिए सैन्य सुरक्षा और दुबई तक सुरक्षित रास्ता मुहैया कराए जाने की पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की शर्तों को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि एक ‘भगोड़ा’ शर्ते नहीं लगा सकता और न ही अदालत को ‘अपनी जरूरतों के बारे में आदेश दे सकता है।’ संघीय अदालत ने बुधवार (17 मई) को तीन सदस्यीय विशेष अदालत को बताया कि गंभीर देशद्रोह के मामले का भगोड़ा अपराधी होने के नाते 73 वर्षीय मुशर्रफ अदालत के समक्ष समर्पण किए जाने तक किसी प्रकार की राहत की मांग नहीं कर सकते। उनके खिलाफ गंभीर देशद्रोह के मामले को लेकर मुकदमा चल रहा है। सरकार ने अपने जवाब में कहा, ‘‘एक भगोड़ा अदालत को अपनी जरूरतों के बारे में आदेश नहीं दे सकता और यह तय नहीं कर सकता कि अपनी इच्छा से वह कब और कितनी देर अदालत के समक्ष पेश होगा।’’ मुशर्रफ ने पांच मई को विशेष अदालत में आवेदन दाखिल किया था जिसमें उन्होंने इच्छा जतायी थी कि वह सैन्य संरक्षण में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अदालत से यह आश्वासन भी मांगा था कि उन्हें दुबई वापस लौटने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा। सरकार ने अपने अधिवक्ता मोहम्मद अकरम शेख के जरिए बताया, ‘‘ मामले के नतीजे को लंबा खींचने के लिए आवेदन दाखिल किया गया है।’’

वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने रणनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए रूस के साथ मिलकर काम करने का इरादा रखते हैं लेकिन वह अमेरिका के हितों की कीमत पर ऐसा नहीं करना चाहते। अधिकारी ने बुधवार (17 मई) को कहा, ‘रूस को लेकर अपनी इच्छाओं के प्रति ट्रंप बेहद स्पष्ट रहे हैं। रूस और रूसी लोगों के बारे में इस देश में बहुत रोष है. निश्चित तौर पर ऐसा लगता है कि उन्होंने डीएनसी हैक कर और अन्य विभिन्न चीजें कर दखलंदाजी की कोशिश करते हुए कई गलत काम किए।’ अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन ट्रंप दुनिया को अपने रणनीतिक लक्ष्यों के नजरिए से देखते हैं. जहां तक रूसी लोग इन रणनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए उनके साथ काम कर सकते हैं, वहां तक वह उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जहां हमारे उद्देश्य मेल नहीं खाते, वहां वह उनके साथ काम नहीं करने वाले. यदि वे ऐसी चीजें करते हैं, जो ट्रंप को आक्रामक और अमेरिकी हितों के विपरीत लगती हैं, तो वह इस पर लड़ेंगे। ट्रंप ना तो अड़ियल बन रहे हैं और ना ही बंद सोच अपना रहे हैं। वह इस मामले में अपने रुख के प्रति बेहद सावधानी बरत रहे हैं।’ अधिकारी ने कहा, ‘उदाहरण के लिए सीरिया में संघर्ष को खत्म करने के लिए रूस के साथ मिलकर काम करने का कुछ अवसर है। यदि हम ऐसा कर सकते हैं तो वह इसके लिए खुली सोच रखेंगे।’

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