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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार को भारत के उस दावे को 'गलत' करार दिया जिसमें कहा गया है कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर ताबड़तोड़ गोले दागकर नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की एक चौकी को ध्वस्त कर दिया। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, "नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी चौकी को नष्ट करने और एलओसी के पास आम लोगों पर पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी किए जाने के भारतीय दावे गलत हैं।" उधर, नई दिल्ली में सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि हाल में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया, क्योंकि पाकिस्तानी चौकियों से भारत में घुसपैठ की मदद की जा रही थी। अतिरिक्त महानिदेशक (लोक सूचना) मेजर जनरल अशोक नरूला ने कहा कि हमले का एक वीडियो जारी किया गया है।

मैनचेस्टर: इंग्लैंड के मैनचेस्टर में एक कार्यक्रम के दौरान हुए एक बम विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई। मंगलवार की तड़के हुए इस विस्फोट के बाद मैनचेस्टर एरिना की तरफ कई एंबुलेंसों को दौड़ते हुए देखा गया। ब्रिटिश पुलिस ने 22 लोगों के मरने और 59 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। फिलहाल पुलिस ने इसे आतंकी घटना मान कर चल रही है। पुलिस ने पूरे इलाकों को अपने कब्जे में लेकर इलाके को खाली करा लिया है। यहां अमेरिकन गायक एरियाना ग्रांडे के संगीत का कार्यक्रम चल रहा था। जिस जगह यह कार्यक्रम हो रहा था, वहां 21 हजार लोगों के आने की क्षमता है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस धमाके के बाद बयान जारी किया है। यह एक भय उत्पन्न करने वाला आतंकी हमला है। हमले में मारे गए लोगों को मेरी श्रद्धांजलि। कार्यक्रम स्थल के नजदीक रहने वाली सूजी मिशेल ने बताया कि उनका फ्लैट कार्यक्रम स्थल के ठीक विपरीत दिशा में है। धमाके की आवाज सुनकर वह बाहर आईं तो देखा कि बड़ी संख्या में लोग इधर-उधर भाग रहे थे। संगीत कार्यक्रम में भाग लेने आए इसाबेल हॉजंस ने स्काई न्यूज को बताया कि हर कोई डर हुआ चीखता-चिल्लात भाग रहा था। पूरा गलियारा धुंए से भर गया, जलने की गंध आ रही थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट बता रही हैं कि वहां दो विस्फोट हुए। पुलिस के बम निरोधक दस्ते पूरे इलाके में फैलकर जांच करने में जुट गए हैं।

रियाद: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद आतंकवाद को लेकर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने भारत को आतंकवाद से पीड़ित देश बताते हुए कहा कि सभी देशों को अपनी जमीन का इस्तेमाल चरमपंथ के लिए नहीं होने देना चाहिए। सऊदी अरब के रियाद स्थित किंग अब्दुल अजीज कांफ्रेंस सेंटर में चल रहे ‘अरब इस्लामिक अमेरिकी सम्मेलन’ में रविवार को नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं की मौजूदगी में ट्रंप ने आतंकवाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहे भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, रूस और चीन में भी चरमपंथियों ने कई हमले किए। आतंकवाद ने अरब और अन्य मुस्लिम देशों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मध्यपूर्व एशिया सहित कई मुस्लिम देशों में आतंकवाद से जान गंवाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। इंसानियत के खिलाफ आतंकवाद का शिकंजा पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। ट्रंप ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद को पाल रहे हैं। वे दुनियाभर में चरमपंथ को बढ़ावा देने में अपनी सरजमीं से उनका सहयोग कर रहे हैं। इसका शिकार कई बार अमेरिका भी हो चुका है। लिहाजा हर देश का यह कर्त्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकियों के लिए न हो।

लंदन: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करना अब और भी मुश्किल होने की आशंका है। माउंट एवरेस्ट की चोटी से ठीक पहले पड़ने वाला ऐतिहासिक ‘हिलेरी स्टेप’ क्षतिग्रस्त हो गया है। इस वजह से एवरेस्ट पर चढ़ने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि इस संबंध में पहले से ही बातें की जा रही थी, लेकिन ब्रिटेन के एक पर्वतारोही टिम मोसेडल ने हाल में लौटने के बाद इसकी पुष्टि की है। माना जा रहा है कि 2015 में नेपाल में आए भीषण भूकंप की वजह से एवरेस्ट को यह नुकसान पहुंचा है। सर एडमंड हिलेरी के नाम पर इस पर्वतीय भाग का नाम ‘हिलेरी स्टेप’ रखा गया था। हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोरगे वर्ष 1953 में एवरेस्ट पर्वत पर पहुंचने वाले पहले पर्वतारोही थे। एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने से पहले यह आखिरी बड़ी चुनौती मानी जाती है। एवरेस्ट के दक्षिण पूर्व में यह 12 मीटर की खड़ी चढ़ाई है। ‘हिलेरी स्टेप’ 8790 मीटर पर है जबकि एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर है। ब्रिटिश पर्वतारोही मोसेडेल ने 16 मई को एवरेस्ट फतह करने के बाद फेसबुक पर इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने इसे एक युग का अंत करार दिया। मोसेडेल ने लिखा, ‘यह एवरेस्ट के इतिहास से जुड़ा है और यह बेहद दुख की बात है कि पर्वतारोहण लोककथा से जुड़ा एक हिस्सा अब लुप्त हो गया है। पिछले साल इस तरह की रिपोर्ट आई थी।

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