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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज कहा कि उसने अफगानिस्तान के साथ लगती अपनी 2400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है। पाकिस्तान ने यह कदम आतंकवादियों की ओर से बढ़ती घुसपैठ के बीच उठाया है जिससे दोनों देशों के संबंधों पर प्रभाव पड़ा है। पाकिस्तान सेना ने पाकिस्तान अफगानिस्तान की पूरी सीमा पर चरणबद्ध तरीके से बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है। पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है जो पर्वतीय क्षेत्र से होकर गुजरती है और इसके अधिकतर हिस्से पर गश्त नहीं होती। डुरंड रेखा ब्रिटिश शासकों ने 1896 में खींची थी और अफगानिस्तान इसे विवादास्पद मानता है। इसके साथ ही अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ लगाने के पाकिस्तान के किसी तरह के प्रयास का भी विरोध करता है। गश्त के अभाव में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर होने वाली झड़पों के चलते दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। गत मई में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच घंटों चली गोलीबारी में कम से कम 15 व्यक्तियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यद्यपि पाकिस्तान सेना ने एक बयान में कहा, पहले चरण में बाजौर, मोहमंद और खैबर एजेंसी में घुसपैठ के उच्च खतरे वाले क्षेत्रों में बाड़ लगाने का काम किया जा रहा है।

मास्को: रूस ने आज कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि पिछले महीने युद्ध प्रभावित सीरिया में उसकी सेना द्वारा किये गये लक्षित हमले में आईएसआईएस प्रमुख अबु बकर अल-बगदादी की मौत हो गयी है। रूसी उप विदेश मंत्री गेन्नेडी गातिलोव ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के सरगना अल बगदादी के अंत की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने रूसी कूटनीतिज्ञ के हवाले से कहा, "रूसी सेना ने चार दिन पहले ऐलान किया था कि आतंकी संगठन की तथाकथित राजधानी रक्का में 28 मई को किये गये हवाई हमले में हो सकता है उसने बगदादी को मार गिराया हो। रूसी मंत्री इससे जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे बगदादी की मौत की खबरों की पुष्टि करने में असमर्थ हैं। आईएसआईएस के खिलाफ सीरिया और इराक में अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के अभियान के प्रवक्ता कर्नल रेयान डिल्लन ने कहा, "इस वक्त इन खबरों की पुष्टि नहीं कर सकता।" इसके पहले भी कई बार अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेनाओं के हमलों में बगदादी के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की खबरें आ चुकी हैं। गौरतलब है कि रूस की सेना ने दावा किया था कि हमने 28 मई को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की बैठक पर हमला किया था, जिसमें आईएसआईएस सरगना के मारे जाने की आशंका है। मीडिया खबरों में सेना के एक बयान के हवाले से कहा गया था कि यह हमला आईएस के मजबूत गढ़ रक्का के समीप एक स्थान पर किया गया था जहां आईएस नेता अबू बकर अल बगदादी भी मौजूद था।

बीजिंग: चीन ने पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध को एक बार फिर बाधित करने का संकेत दिया है। उसने आज कहा कि इस विशेष मामले में आतंकवाद के मुद्दे के संबंध में संयुक्त राष्ट्र समिति में असहमति बरकरार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग की टिप्पणियां संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति की अगले माह होने जा रही समीक्षा से पहले अजहर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में आईं। गेंग ने यहां संवाददाताओं को बताया, अपने रूख के बारे में हम कई बार बात कर चुके हैं। हमारा मानना है कि लक्ष्य एवं पेशेवर तथा न्याय संबंधी सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए। संवाददाताओं ने गेंग से पूछा था कि अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के भारत के कदम पर चीन द्वारा बार बार लगाई जाने वाली तकनीकी रोक को लेकर क्या कोई अग्रगामी कदम है। उन्होंने कहा, वर्तमान में इस सूचीबद्ध मामले को लेकर कुछ सदस्यों में असहमति बरकरार है। चीन इस मुद्दे पर सामयिक पक्षों के साथ सहयोग और संवाद के लिए तैयार है। बीजिंग ने पठानकोट आतंकी हमले में अजहर की भूमिका के लिए उसे आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका एवं अन्य देशों के संयुक्त राष्ट्र में प्रयासों पर तकनीकी रोक लगा रखी है। पिछले साल चीन ने अजहर को आतंकवादी का दर्जा देने के भारत के आवेदन पर तकनीकी रोक लगा दी थी।

काबुल: अफगानिस्तान और भारत के बीच पहला हवाई गलियारा (एयर कॉरिडोर) सोमवार को परिचालन में आ गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कार्गो विमान को दिल्ली के लिए रवाना कर इस गलियारे का उद्घाटन किया। दोनों देशों के बीच सीधा हवाई कॉरिडोर स्थापित होने के बाद काबुल से चला एक मालवाहक विमान सोमवार को नई दिल्ली में आकर उतरा। हवाई कॉरिडोर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ चारों ओर से जमीन से घिरे अफगानिस्तान को भारत के बाजारों तक सीधी पहुंच देगा। पाक पर निर्भरता अब ख़त्म हो गई है। यह रूट पाकिस्तान को बाईपास करता है। दिल्ली हवाई अड्डे पर स्वयं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान के विमान का स्वागत किया। राष्ट्रपति घनी ने कहा, इस रूट से अफगानी निर्यात के लिए और मौके बढ़ेंगे। राष्ट्रपति घनी के सलाहकार सदीकुल्लाह मुजाहिद ने बताया , सोमवार को भारत रवाना हुए विमान से 60 टन औषधीय पौधे भेजे गए। अफगानिस्तान चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। इसलिए उसे अपने आयात और निर्यात के लिए पड़ोसी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। चूंकि उसके संबंध पाकिस्तान के साथ ठीक नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान अफगानिस्तान के भारत के साथ कारोबार में बाधा खड़ी करता है।

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