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वाशिंगटन: अमेरिका इराक और सीरिया में ईरान के ठिकानों पर हमला करने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि इन ठिकानों पर अमेरिका का यह हमला कई दिनों तक चल सकता है. हालांकि, इराक और सीरिया में ईरान के ठिकानों पर अमेरिका कब हमला करेगा अभी इसे लेकर कुछ भी साफ नहीं है। अमेरिका का यह हमला बीते रविवार को जॉर्डन में सीरिया सीमा के नज़दीक अमेरिकी पोस्ट 22 पर हुए हमले का जवाब के तौर पर होगा। उस ड्रोन हमले में 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी, जबकि 41 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अमेरिका ने इसके लिए ईरान के समर्थन वाले मिलिशिया गुटों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया। बाद में इस हमले के पीछे इस्लामिक रेसिस्टेंस का नाम आया जिसे ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स से हथियार और प्रशिक्षण मिलता है।

अमेरिकी पोस्ट पर हमले के बाद ईरान ने जारी किया था बयान

गौरतलब है कि जॉर्डन में अमेरिकी पोस्ट पर हुए इन हमलों के बाद ईरान ने एक बयान जारी किया था। उस बयान में कहा गया था कि इन हमलों के पीछे उनका हाथ नहीं है।

नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच जारी राजनयिक विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देश प्रयासरत है। सूत्रों ने बताया कि मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति पर भारत और मालदीव के बीच आज नई दिल्ली में दूसरी कोर समूह की बैठक होगी। इससे पहले मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की पहली बैठक 14 जनवरी को माले में संपन्न हुई थी।

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने पहली कोर ग्रुप बैठक के बाद कहा था कि भारत और मालदीव भारतीय सैन्य कर्मियों की तेजी से वापसी पर सहमत हुए। बयान में कहा गया कि मालदीव के विदेश मंत्रालय में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। दोनों पक्षों के बीच विकास सहयोग सहित आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति हुई कि उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर होगी। साथ ही भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और चल रही परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर भी चर्चा की।

वाशिंगटनः संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बाद छह यूरोपीय देशों ने भी फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की फंडिंग रोक दी है। यूएनआरडब्ल्यूए स्टाफ सदस्यों पर सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के आतंकवादी हमले में शामिल होने के आरोपों के बाद ये कदम उठाया गया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इजरायल के आरोपों के बाद ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और फिनलैंड फंडिंग रोकने वाले देशों की सूची में शामिल हुए हैं।

यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर.जनरल फिलिप लेज़ारिनी ने एक्स पर कहा, "गाजा में फिलिस्तीनियों को इस अतिरिक्त सामूहिक सजा की आवश्यकता नहीं थी। यह हम सभी पर कलंक है।" एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि उसने कई कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी है और उन लोगों से संबंध तोड़ दिए हैं। अधिक दाताओं के निलंबन को प्रोत्साहित करते हुए, इजरायल के विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि लड़ाई समाप्त होने के बाद यूएनआरडब्ल्यूए को प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

यरुशलम: ठंड और बारिश के बीच गाजा में इजरायली सेना के हमले जारी हैं। इन हमलों से सब कुछ छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोग भी नहीं बच पा रहे हैं। शुक्रवार को मध्य गाजा के नुसीरत जिले में बने शरणार्थी शिविर पर इजरायल के हवाई हमले में 15 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में पांच महीने का बच्चा भी शामिल है, जबकि खान यूनिस में इजरायली सेना लड़ते हुए आगे बढ़ रही है और अब वह शहर के मध्य में पहुंच गई है।

बीते 24 घंटे में मारे गए 183 लोग

इजरायली सेना ने शहर के लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। बीते 24 घंटे में इजरायली हमलों में 183 लोग मारे गए हैं जबकि 377 घायल हुए हैं। इसी के साथ गाजा में सात अक्टूबर के बाद मरने वालों की कुल संख्या 26,083 हो गई है।

गाजा में राहत सामग्री की आपूर्ति हो रही है लेकिन इसकी मात्रा जरूरत से कम है और युद्धग्रस्त क्षेत्रों में सामग्री का वितरण मुश्किल है

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