काठमांडू: नेपाल की राजनीति में बड़ी हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दलह प्रचंड ने इस्तीफा दे दिया है और के पी शर्मा ओली का नया पीएम बनना लगभग तय हो गया है। केपी शर्मा ओली ने नई सरकार का नेतृत्व करने का दावा पेश किया है। संसद में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने विश्वास मत खो दिया। दरअसल, सीपीएम-यूएमएल ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। 275 सदस्यों वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (एचओआर) में प्रचंड के विश्वास मत के खिलाफ 194 और समर्थन में 63 वोट पड़े। विश्वास मत हासिल करने के लिए 138 मतों की आवश्वयकता थी।
नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं केपी शर्मा ओली
पिछले ही सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापल ले लिया था। ओली और नेपाली कांग्रेस (नेकां) के नेताओं ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले नई गठबंधन सरकार के गठन पर मंथन किया था।
आपको बता दें के नेकां के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पहले ही ओली को नेपाल के अगले प्रधानमंत्री के रूप में अपना समर्थन दिया है।
नेपाल में नई सरकार बनना तय
एचओआर में नेपाली कांग्रेस के 89 सदस्य हैं। इसके अलावा सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं। दोनों पार्टियों के गठबंधन के पास कुल मिलाकर 167 सीटें होंगी, जो कि सरकार बनाने के लिए 138 के आवश्यक बहुमत से अधिक है। निचले सदन में 138 सीटों के बहुमत के मुकाबले प्रचंड की पार्टी के पास सिर्फ 32 सीट हैं। ओली ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता और देश के विकास के लिए यह जरूरी है। समझौते के मुताबिक, ओली-देउबा बारी-बारी से तीन वर्ष तक पीएम रहेंगे।
ओली ने बेवजह धोखा दिया : प्रचंड
प्रचंड के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के बाद ओली शनिवार को प्रधानमंत्री बन सकते हैं और रविवार को वह पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं। पार्टी सचिवालय में ओली ने कहा कि दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन नेपाल के विकास के लिए जरूरी था। उधर, मौजूदा पीएम प्रचंड ने आरोप लगाया कि ओली ने उन्हें बेवजह धोखा दिया है।