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मॉस्को: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं। रूस दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। वार्ता के दौरान आतंकवाद, यूक्रेन और आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई।

इस दौरान अपने वक्तव्य की शुरूआत में पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे मित्र में आपका इस भव्य सम्मान के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं। भारत में हुए लोकसभा चुनाव में हमें अभूतपूर्व विजय मिली। उसके बाद आपकी शुभकानाओं के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। मांर्च महीने में आपकी भी विजय हुई। मेरी तरफ से आपको बहुत शुभकामनाएं।

यूक्रेन के विषय में विस्तार से हुई चर्चा

भारत के प्रधानमंत्री ने इस दौरान रूस यूक्रेन के मुद्दे पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा, ‘वैसे तो हमारा द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम 25 वर्ष से चल रहा है। शायद ये बैठक ऐसी है कि जिस पर पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित है। मेरी इस यात्रा के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, कल आपने मुझे अपने निवास स्थान पर बुलाया और एक सच्चे दोस्त के रूप में हमने अलग अलग विषयों पर बात की। मुझे खुशी हुई कि यूक्रेन के विषय में हम दोनों विस्तार से चर्चा कर पाए। हमने आदर से एक दूसरे के विचारों को सुनने समझने का प्रयास किया। मैंने पहले भी कहा कि हमारी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए शांति आवश्यक है। मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं होते। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ताएं सफल नहीं होती। हमने वार्ता के माध्यम से ही शांति के रास्ते अपनाए।’

‘मैं आतंकवाद की घोर निंदा करता हूं’

पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद की भी घोर निंदा की। उन्होंने कहा,’युद्ध हो, संघर्ष हो या आतंकवादी हमले हों, मानवता पर विश्वास करने वाला हर व्यक्ति, जब जनहानि होती है तो बहुत पीड़ित होता है। लेकिन, ऐसे युद्धों में जब मासूम बच्चों की मौत होती है तो हृदय छलनी हो जाता है और वह दर्द बहुत भयानक होता है। इस विषय में भी आपसे विस्तार से चर्चा हुई। करीब 40 वर्षों से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद इतना भयानक और घिनौना होता है, वो हम 40 वर्ष से भुगत रहे हैं। ऐसे में जब मॉस्को में आतंकवादी घटनाएँ घटीं, दागेस्तान में आतंकी घटनाएं घटी। उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। मैं हर प्रकार के आतंकवाद की घोर निंदा करता हूं।’
लगभग ढाई दशक से मेरा रूस के साथ नाता जुड़ा है। आपके साथ भी करीब ढाई दशक से नाता जुड़ा है। हम 10 वर्षों में 17 बार मिले और पिछले 25 वर्ष में हमारे बीच करीब 22 द्विपक्षीय वार्ता हुई। ये मेरी रूस की छठी यात्रा है। ये अपने आप में हमारे संबंधों की गहराई दिखाता है।

'दुनिया के लिए चुनौतीपूर्ण रहे पिछले पांच वर्ष'

पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते पांच वर्ष पूरे विश्व के लिए, पूरी मानवजाति के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे और अनेक संकटों से गुजरना पड़ा। पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों के कालखंड ने अलग अलग भू-भाग में मानव जाति के लिए बहुत संकट पैदा किया। तनाव रहा, संघर्ष रहा और ऐसी स्थिति में जब दुनिया भोजन, ईंधन और उर्वरक के संकट से गुजर रही थी। मैंने, मेरे देश के किसानों को उर्वरक के मामले में मुसीबत में नहीं आने दिया। किसानों के हितों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में हम चाहेंगे कि किसानों के के हितों के लिए भारत और रूस एक साथ मिलकर काम करें।’ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘ईंधन की चुनौती भी पूरी दुनिया में बड़ी गहरी थी। ऐसे में रूस के सहयोग से हम सामान्य नागरिक को पेट्रोल-डीजल की आवश्कताओं में कठिनाइयों से बचा पाए। इतना ही नहीं विश्व को यह बात स्वीकार करनी होगी कि भारत और रूस के ईंधन के संबंध में जो समझौता रहा, उसने दुनिया को भी एक प्रकार से स्थिरता देने का काम किया। दुनिया के अनेक देशों के नागरिकों को पेट्रोल-डीजल के संकट से गुजरना पड़ रहा है। लेकिन, हमारे उस समझौते के कारण हम भारत के नागरिकों को पेट्रोल-डीजल की कमी से बचा पाए। इसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।’

पीएम मोदी ने कहा ‘मुझे इस बात का संतोष है कि कल हम इतने खुले मन से बात कर रहे थे। कोई लीपापोती नही थी। मैंने देखा कि बहुत सारे विचार थे। मैं एक नई सोच महसूस कर रहा हूं और एक नई सोच सामने आई है। शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझमें नई आशा जगी है।

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