इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पीएमएल-एन पार्टी के सुप्रिमो नवाज शरीफ का रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। दरअसल, पीपीपी पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री बनने की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नई सरकार हिस्सा बने बिना नवाज का समर्थन करेगी।
इन चुनाव में सबसे ज्यादा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। इनमें ज्यादातर पीटीआई पार्टी के समर्थित उम्मीदवार हैं। चुनाव नतीजों के पांच दिन बीत जाने के बाद अभी यह सवाल बना हुआ है कि अगली सरकार किसकी होगी। आठ फरवरी को हुए नेशनल असेंबली के चुनाव में तीन बड़ी पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में से किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। इसलिए, कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएगी। जिसकी वजह से त्रिशंकु संसद की स्थिति बनेगी।
बिलावल भुट्टो ने आज पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि उनकी पार्टी के पास केंद्र में सरकार बनाने का जनादेश नहीं है। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, इस वजह से मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी के लिए खुद को आगे नहीं रखूंगा। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास केंद्र में अधिक संख्या है।
पीटीआई समर्थित एक और सदस्य पीएमएल-एन में शामिल
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी पार्टी के समर्थित एक और निर्दलीय उम्मीदवार पीएमएल-एन में शामिल हो गए। नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र -54 से पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज करने वाले बैरिस्टर अकील मलिक पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में पीएमएल-एन में शामिल हुए। अकील मलिक ने पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेता नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ पर पूरा भरोसा जताया।