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वाशिंगटनः संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने शनिवार को यमन में हूती विद्रोहियों के 30 से ज्यादा ठीकानों पर हमला किया है। ईरान समर्थित समूहों को तबाह करने के लिए ये हमले किए जा रहे हैं। इससे पहले अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरानी पोस्टों पर दर्जनों हवाई हमले किए थे। जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि अमेरिका और ईरान ने मौत के आंकड़ों पर अब तक कोई भी जानकारी शेयर नहीं की है।

बता दें पिछले हफ्ते जॉर्डन में किए गए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद अमेरिका ये जवाबी कार्रवाई कर रहा। अमेरिका ने हमलों को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी।

‘यूएस सेंट्रल कमांड‘ (सेंटकॉम) के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे (भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात ढाई बजे) उसकी सेना ने "आईआरजीसी कुद्स फोर्स" और संबद्ध मिलिशिया समूहों के खिलाफ इराक और सीरिया में हवाई हमले किए। अमेरिकी सैन्य बलों ने 85 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया, इस हमले में अमेरिका से भेजे गए लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों सहित कई विमान शामिल थे।

सेंटकॉम ने बताया कि जिन ठिकानों पर हमला किया गया, उनमें कमान और नियंत्रण संचालन केंद्र, खुफिया केंद्र, रॉकेट एवं मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन भंडारण, मिलिशिया समूहों और उनके आईआरजीसी प्रायोजकों की रसद और गोला-बारूद आपूर्ति श्रृंखला केंद्र शामिल हैं।

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि उन सात केंद्रों पर ये हमले किए गए जिनका उपयोग आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया अमेरिकी सेना पर हमला करने के लिए करते हैं।

उन्होंने कहा, "यह हमारी जवाबी कार्रवाई की शुरुआत है। राष्ट्रपति ने आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया को अमेरिका और गठबंधन बलों पर उनके हमलों का जवाबदेह ठहराने के लिए अतिरिक्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।"

ऑस्टिन ने कहा, "हमारे द्वारा चुने समय और स्थानों पर हमले किए जाएंगे। हम पश्चिम एशिया या कहीं और संघर्ष नहीं चाहते, लेकिन राष्ट्रपति और मैं अमेरिकी बलों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अमेरिका, हमारी सेनाओं और हमारे हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।"

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