नई दिल्ली/माले: मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर हुई दोनों देशों की उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकल पाया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि मालदीव के लोगों को मानवीय सहायता एवं मेडिकल बचाव सेवाएं मुहैया करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखा जाए।
वहीं, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि दोनों पक्षों में 10 मई तक भारतीय सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है।
भारत के बयान में कोई जिक्र नहीं
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष भारतीय विमानन प्लेटफॉर्मों के निरंतर संचालन को जारी रखने के लिए परस्पर व्यावहारिक समाधानों पर सहमत हुए हैं। लेकिन मंत्रालय के बयान में सैनिकों की वापसी का कोई जिक्र नहीं है। इन प्लेटफॉर्मों में लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात हैं, जो मुख्यरूप से दो हेलिकॉप्टर और एक विमान का संचालन करते हैं।
इन हेलिकॉप्टर और विमान का इस्तेमाल मालदीव में मानवीय और मेडिकल सेवाएं मुहैया कराने में होता है।
वहीं, मालदीव के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों में सहमति बनी है कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन भारतीय विमानन प्लेटफॉर्मों में अपनै सैन्य कर्मियों को बदल देगा। भारत सरकार 10 मार्च तक एक प्लेटफॉर्म से अपने सैनिकों को बदलने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। इसी तरह अन्य दो प्लेटफॉर्मों से 10 मई तक भारतीय सैन्य कर्मी बदल दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुला लेने को कहा था। बयान में कहा गया है कि उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की अगली बैठक अब माले में होगी। इसकी तिथि दोनों पक्षों की सहमति से तय की जाएगी। कोर ग्रुप की पहली बैठक मामले में 14 जनवरी को हुई थी।