जेनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है जो कि सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (सीआईआई) की नोवावैक्स वैक्सीन का वर्जन है। डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'अमेरिका स्थित नोवावैक्स से लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित टीके को अब वैश्विक वैक्सीन शेयरिंग सिस्टम के तहत कोवावैक्स के रूप में वितरित किया जाएगा।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्सेस टू वैक्सीन्स के प्रमुख मारिएंजेला सिमाओ ने कहा, 'ऐसे समय में नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं, वैक्सीन एसएआरएस-सीओवी-2 से होने वाली गंभीर बीमारी और मौतों से लोगों को बचाने का सबसे प्रभावी उपाय है। इस कदम का उद्देश्य खासतौर पर कम आयवालों देशों (लोअर-इंकम कंट्रीज़) में वैक्सीन की पहुंच बढ़ाना है।' उन्होंने कहा कि कम आय वाले देशों में से 41 अभी भी अपनी आबादी के 10 फीसदी को वैक्सीन देने में सक्षम नहीं हो पाए हैं जबकि 98 देश, 40 फीसदी वैक्सीनेशन तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर डब्ल्यूएचओ की मंजूरी पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा, यह अभी तक कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है। कोवोवैक्स को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ के इस सहयोग के लिए उसका धन्यवाद किया।
डीसीजीआई ने दी थी परीक्षण की इजाजत
दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट बच्चों के लिए अमेरिकी दवा कंपनी के टीके को 'कोवोवैक्स' के नाम से देश में तैयार कर रही है। इससे पहले भारतीय दवा महानिदेशक (डीसीजीआई) ने सीरम को 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों पर इस टीके के परीक्षण की मंजूरी दी थी। सीरम 100 बच्चों पर इसका परीक्षण भी कर चुकी है। परीक्षण के डाटा को डीसीजीआई को मुहैया करा दिया गया था।