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ढाका: भारत और बांग्लादेश को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को एकीकृत करने में सक्षम बनाने वाली 'भारत-बांग्लादेश मित्रता पाइपलाइन परियोजना' (आईबीएफपीपी) पर तेज रफ्तार से काम चल रहा है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को यह जानकारी दी और कहा कि इस महत्वपूर्ण पाइपलाइन का उद्घाटन अगले साल किया जा सकता है। 

346 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर साल 2018 में दोनों देशों ने दस्तखत किए थे। बता दें कि आईबीएफपीपी के जरिए असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से ईंधन को सिलिगुड़ी मार्केटिंग टर्मिनल के रास्ते से बांग्लादेश पहुंचाया जाएगा। दोनों पक्ष एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के लिए भी बातचीत कर रहे हैं।

130 किमी लंबी पाइपलाइन असम से बांग्लादेश पहुंचाएगी ईंधन

यह भारत में पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में पार्वतीपुर को जोड़ेगी।

इस 130 किलोमीटर की तेल पाइपलाइन की क्षमता 10 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। श्रृंगला ने कहा कि यह आईबीएफपीपी एक बहुत ही अनोखी और महत्वपूर्ण पाइपलाइन है जो हमें अपनी ऊर्जा जरूरतों को एकीकृत करने में सक्षम बनाएगी।

भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय व्यापार में लगातार हो रहा इजाफा

श्रृंगला ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हुई है। साल 2020 में इसमें साल दर साल बढ़त 14 फीसदी थी, जो कि काफी उत्साहजनक आंकड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बांग्लादेश के निर्यात ने 10 लाख डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है और इसमें समय के साथ-साथ लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।

भारत से 50 करोड़ डॉलर के रक्षा उपकरण आयात करेगा बांग्लादेश

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बताया कि बांग्लादेश जल्द ही नई दिल्ली द्वारा दी गई 50 करोड़ डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत भारत से रक्षा संबंधी उपकरणों का आयात करेगा। इनमें से कुछ रक्षा उपकरणों को तेजी से ट्रैक किया जा रहा है। शृंगला ने कहा, भारत-बांग्लादेश इतिहास, भाषा, आध्यात्मिकता और संस्कृति के संबंधों में बंधे हुए हैं।

सनातन छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने बताया कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के मुक्तियोद्धाओं के आश्रितों के लिए ‘नूतन भारत-बांग्लादेश मैत्री मुक्तियोद्धा सनातन छात्रवृत्ति योजना’ की समीक्षा का भी निर्णय लिया है। यह योजना अप्रैल 2017 में पीएम शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान शुरू हुई। योजना के तहत भारत ने मुक्तियोद्धा के आश्रितों को पांच वर्षों से अधिक समय के लिए 10,000 से अधिक छात्रवृत्ति को मंजूरी दी थी। इसके तहत स्नातक छात्रों को 50,000 टका और उच्चतर माध्यमिक छात्रों को 20,000 टका का एकमुश्त अनुदान मिलेगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कनेक्टिविटी को बताया बहुत जरूरी

उधर बांग्लादेश के दौरे पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमिन के साथ अलग-अलग बैठके की थीं। इस दौरान राष्ट्रपति कारोबार ने दोनों देशों के बीच व्यापार और संपर्क के मुद्दों पर बात की। हमारे संबंधों में कनेक्टिविटी की अहम भूमिका है।

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