इस्लामाबाद: पाकिस्तान में श्रीलंका के नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदान पर कट्टरपंथियों ने किस कदर कहर बरपाया इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ है। इसके मुताबिक, प्रियंता के शरीर की सभी हड्डियां तोड़ दी गईं थीं और शरीर का 99 फीसदी हिस्सा जल चुका था।
जियो न्यूज की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, दीयावदान की मौत का कारण खोपड़ी और जबड़े के फ्रैक्चर को बताया गया है। हमले की वजह से उनके महत्वपूर्ण अंग जैसे लीवर, पेट, एक किडनी को भी नुकसान पहुंचा था। एक पैर को छोड़कर उसके शरीर के हर हिस्से में गंभीर चोटें आईं। रीढ़ की हड्डी भी तीन जगह से टूट गई थी।
शुक्रवार को कट्टरपंती इस्लामिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने एक कपड़ा फैक्ट्री पर हमला बोलकर यहां जनरल मैनेजर के रूप में काम करने वाले प्रियंता की लिंचिंग की। बुरी तरह से पीटने के बाद उनके शरीर को आग के हवाले कर दिया गया। कुछ हमलावरों ने इस दौरान सेल्फी भी ली और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किए।
कट्टरपंथियों ने उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया है।
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद दियावदना का शव लाहौर भेजा जाएगा जहां यह श्रीलंका के वाणिज्य दूतावास को सौंप दिया जाएगा। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद शव विशेष विमान के जरिए श्रीलंका भेजा जाएगा। इस बीच, एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति दियावदना को बचाने का प्रयास करता दिखता है। दियावदना की मौत के बाद एक अन्य व्यक्ति शव को आग के हवाले नहीं करने की याचना करता दिखता है लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसे भी एक तरफ कर दिया।
पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ने के बाद इस घटना में 800 से अधिक लोगों के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए 118 में से 13 प्रमुख संदिग्ध हैं। श्रीलंका की संसद, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस घटना की निंदा की और उम्मीद जताई कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे और शेष श्रीलंकाई प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करेंगे।