जेनेवा: दुनिया भर के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। अब तक 23 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस देखने को मिल चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा है कि विश्व स्वास्ठ्य संगठन के 6 में से पांच क्षेत्रों से अब तक 23 देशों से ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आ गए हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम ने यह भी आशंका जताई है कि यह वैरिएंट अभी कहीं ज्यादा देशों में फैलेगा।
महाराष्ट्र ने बनाई अलग गाइडलाइन, केंद्र नाराज
भारत ने सख्ती करना शुरू कर दी है। ओमिक्रॉन के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अपनी अलग गाइडलाइन जारी कर दी है। इस पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताते हुए इसे तुरंत वापस लेने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार व्यास को पत्र में कहा, देश में एक जैसे दिशा-निर्देशों पर ही काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस तरह अलग-अलग दिशा-निर्देशों के चलते लोगों में संदेह पैदा हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ही दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। महाराष्ट्र ने विदेश से आने वालों को पिछले 15 दिनों का यात्रा विवरण, चेकिंग के लिए अलग काउंटर, जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को हर दूसरे, चौथे और सातवें दिन आरटी पीसीआर जांच अनिवार्य की है। इसके अलावा विदेश से आने वालों की कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए भी आरटी पीसीआर जांच को अनिवार्य किया है।
केंद्र की खतरे वाली सूची में हैं ये देश और दिशा-निर्देश
सरकार ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे , सिंगापुर, हांगकांग और इस्राइल को खतरे वाले देशों की सूची में रखा है। यहां से आने वाले यात्रियों को सफर शुरू करने से पहले अपनी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट व पिछले 14 दिनों का यात्रा विवरण एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। साथ ही इनके भारत पहुंचने पर आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही हवाई अड्डे से निकलने दिया जाएगा।
80 फीसदी अंतरराष्ट्रीय यात्रियाें ने कराई रैपिड पीसीआर जांच
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश बुधवार से लागू हो गए। पहले दिन विदेश से आने वाले 80 फीसदी यात्रियों ने रैपिड पीसीआर जांच कराई। कुल 1013 यात्रियाें में से 792 ने रैपिड पीसीआर जांच कराई जबकि शेष 221 ने आरटीपीसीआर जांच को चुना। रैपिड पीसीआर जांच के लिए हर यात्री को 3900 रुपये व आरटीपीसीआर के लिए 500 रुपये चुकाने पड़े। जांच कराई और 10-14 घंटे के लंबे सफर के बाद ये यात्री आरटीपीसीआर जांच कराकर अतिरिक्त पांच घंटे हवाई अड्डे पर रुकने के पक्ष में नहीं थे, रैपिड पीसीआर जांच के नतीजे एक घंटे में आ जाते हैं। दरअसल नए नियमों के तहत रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही इन्हें हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति थी। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि नए नियम के चलते उन्होंने 1400 यात्रियों के इंतजार करने की व्यवस्था की है।
वहीं, नागर विमानन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 'जोखिम' श्रेणी के अलावा अन्य देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से बिना क्रम के दो फीसदी यात्रियों के कोविड-19 जांच के लिए नमूने एकत्र किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि ये यात्री नमूने देने के बाद हवाई अड्डे से प्रस्थान कर सकते हैं।