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तेहरान: ईरान ने अपने खत्म हुए परमाणु समझौते पर विएना में फिर शुरू हुई वार्ता के सिर्फ एक दिन बाद मंगलवार को सख्त रुख अपनाया। उसने कहा कि पहले हुए कूटनीतिक बातचीत के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई थी उन पर दोबारा वार्ता होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रहा है।

ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरानी शीर्ष परमाणु वार्ताकार अली बाकरी व देश के असैन्य परमाणु प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने देश के सख्त रुख की जानकारी दी। बता दें, 2015 में हुए एटमी करार के तहत ईरान को आर्थिक प्रतिबंध हटवाने के लिए यूरेनियम संवर्धन को सीमित करना था। लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका इस समझौते से बाहर निकल गया। तब से यह करार ठंडे बस्ते में पड़ा है।

ईरान 60 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन की क्षमता हासिल कर चुका है और वह परमाणु आयुध बनाने के लिए जरूरी 90 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन क्षमता हासिल करने के करीब पहुंच गया है।

बाकरी ने पिछले दौर की विएना वार्ताओं को सिर्फ एक मसौदा करार दिया। उन्होंने कहा इन पर भी चर्चा होनी चाहिए। लिहाजा सभी मुद्दों पर सहमति के बिना किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है।

अमेरिका को हटाने होंगे सभी प्रतिबंध

ईरान के सख्त रुख से स्पष्ट हो गया कि पिछले छह दौर में हुई सभी चर्चाओं को संक्षेप में प्रस्तुत कर उन पर भी बातचीत होनी चाहिए। मंगलवार की बैठक में सभी पक्षों ने इसे स्वीकार किया। एक अन्य टीवी कार्यक्रम में बाकरी ने कहा कि ईरान ने नए प्रतिबंध नहीं लगाने और पिछली पाबंदियों को दोबारा लागू नहीं करने की अमेरिका से गारंटी मांगी है। उन्होंने कहा, वियना वार्ता परमाणु करार में अमेरिकी वापसी को लेकर है। उन्हें सभी प्रतिबंधों को हटाना होगा।

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