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जिनेवा: कोरोना वायरस का नया वैरिएंट (B.1.1.529) महामारी के अन्य वैरिएंट के मुकाबले सबसे ज्यादा संक्रामक है, यानी इससे संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसको लेकर सभी देशों को आगाह किया है। कोरोना (एसएआरएस-सीओवी-2) पर डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह ने शुक्रवार को अपनी समीक्षा के बाद कहा कि कोविड-19 का वैरिएंट बेहद संक्रामक है। समूह ने इसे सबसे चिंताजनक वैरिएंट करार देने की सिफारिश की है। डब्ल्यूएचओ ने इस वायरस को ओमिक्रॉन नाम दिया है।

यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला था। वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नए वैरिएंट पर कोविड वैक्सीन बेअसर हो सकती है, संक्रमण की दर बहुत तेज हो सकती है और मरीजों में गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वैरिएंट में कम से कम 10 म्यूटेशन हैं। जबकि डेल्टा में सिर्फ दो तरह के म्यूटेशंस पाए गए थे। म्यूटेट होने का मतलब है वायरस के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव होना। इसी बीच, नए वैरिएंट की उत्पत्ति पर अटकलें जारी हैं।

लेकिन यह एक ही रोगी से ही डेवलप हुआ हो सकता है। लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बॉलौक्स ने सुझाव दिया है कि यह कम इम्यून वाले व्यक्ति के पुराने संक्रमण से हो सकता है, जो संभवतः एक एचआईवी/एड्स रोगी हो सकता है।

नए वैरिएंट की पहचान इस सप्ताह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में की गई। तुरंत ही यह बोत्सवाना सहित आस-पास के देशों में फैल गया है, जहां पूरी तरह से टीकाकरण किए लोग भी संक्रमित हो गए हैं। दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। बोत्सवाना में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। हांगकांग में भी इस वैरिएंट के दो मामलों का पता चला है- जहां दक्षिणी अफ्रीका के कुछ हिस्सों से आए यात्रियों को अलग-अलग कमरों में रखा गया था।

कोविड-19 के नए वैरिएंट के मामले की पहचान इजरायल ने भी की है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह वैरिएंट मालावी से लौटे व्‍यक्ति में पाया गया है, इसके अलावा विदेशों से लौटने वाले दो अन्‍य केसों में संबंधित व्‍यक्तियों कोक्‍वारंटाइन किया गया है। वहीं नए वैरिएंट का एक मामला यूरोप में भी सामने आया है। बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडेनब्रुक ने कहा कि हमारे पास दक्षिण अफ्रीका में पाय गए बी.1.1.529 संक्रमण का एक मामला है। ये संक्रमण विदेश से लौटने वाले एक व्यक्ति में पाया गया है, जिसे वैक्सीन नहीं लगी थी।

 

 

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