वाशिंगटन: चीन और अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच वाशिंगटन ने कथित तौर पर कई चीनी फर्मों को ट्रेड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने कहा है कि ये कंपनियां चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग कोशिशों को तैयार करने में मदद कर रही हैं। 8 चीन बेस्ड टेक्नोलॉजी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में रखा गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से अमेरिका ने इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाला है।
मामले को लेकर अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो ने कहा है कि इससे रूसी और चीनी मिलिट्री एडवांसमेंट और एक्टिविटीज के विकास को रोकने में मदद मिलेगी जिसमें पाकिस्तान की असुरक्षित परमाणु गतिविधियां या बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम भी शामिल है।
चीन ने कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने का जमकर विरोध किया है। वाशिंगटन में चीनी प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा है कि अमेरिका ने चीनी कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
ब्लैकलिस्ट की गई चीनी कंपनियां
1- हांग्जो झोंगके माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक कंपनी लिमिटेड
2- न्यू एच3सी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज कंपनी लिमिटेड
3- शीआन एयरोस्पेस Huaxun टेक्नोलॉजी
4- हुनान गोक माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक
5- युंचिप माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक
6- सूक्ष्म पैमाने पर भौतिक विज्ञान के लिए हेफ़ेई राष्ट्रीय प्रयोगशाला
7- क्वांटम सीटेक
8- शंघाई क्वांटमसीटेक कंपनी लिमिटेड
अमेरिकी कॉमर्स विभाग ने रायटर्स को बताया कि इन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डालने का मकसद चीनी सेना को अपनी काउंटर-स्टील्थ टेक्नोलॉजी विकसित करने से रोकना था जिसमें एडवांस्ड रडार जैसे इक्विपमेंट और यहां तक कि पनडुब्बी के पानी के नीचे सेंसर जैसे काउंटर पनडुब्बी एप्लीकेशंस शामिल हो सकते हैं।