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रोम: रोम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन रविवार को जलवायु परिवर्तन से निपटने पर चर्चा हुई। सदस्य देशों के नेताओं ने अपने-अपने विचार रखें। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि रूस और चीन जी-20 शिखर सम्मेलन में "जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध नहीं दिखे।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए रूस और चीन नहीं दिखे प्रतिबद्ध

रोम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "लोगों को इसमें निराश होने का एक कारण है,क्योंकि सभी सदस्य देशों ने इसमें सक्रियता दिखाई, लेकिन रूस, चीन इस विषय पर मौन दिखे, जो बाइडन ने कहा कि कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं। अमेरिका इसको लेकर चिंतित है।" 

इस सम्मेलन में जी-20 समूह के नेताओं के बीच ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित करने की सहमति बनी। सदस्य देशों के नेताओं के बीच हुई इस बैठक में कुछ ठोस कार्रवाई पर भी चर्चा की गई। हालांकि, बैठक में शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए साल किसी तारीख की जानकारी नहीं दी गई।

जलवायु परिवर्तन पर रूस, चीन का रुख संतोषजनक नहीं
 
वैज्ञानिकों का कहना है कि विनाशकारी जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए यह काफी कार्बन उत्सर्जन को रोकना काफी महत्वपूर्ण है। बयान में कहा गया है, “हम मानते हैं कि 1.5 डिग्री सेल्सियस पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव 2 डिग्री सेल्सियस की तुलना में बहुत कम हैं। 1.5 डिग्री सेल्सियस को पहुंच के भीतर रखने के लिए सभी देशों द्वारा सार्थक और प्रभावी कार्रवाई और प्रतिबद्धता की जरूरत होगी। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि इसको लेकर रूस और चीन की ओर से कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई गई जो एक चिंता का विषय है।

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