रोम: कोरोना महामारी के बाद शनिवार को पहली बार दुनिया की आर्थिक महाशक्तियों के नेता शिखर वार्ता के लिए आमने-सामने बैठे। रोम में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दे हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, कोरोना महामारी, आर्थिक सुधार और वैश्विक न्यूनतम कॉर्पोरेट टैक्स प्रमुख हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना महामारी और इससे निपटने में भारत के प्रयासों का जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने सम्मेलन में वन अर्थ वन हेल्थ का मंत्र भी दिया।
पीएम मोदी ने उठाया कोरोना और स्वास्थ्य का मुद्दा
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "जी-20 में आज की कार्यवाही व्यापक और उत्पादक थी। 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण पर मैंने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के योगदान, स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को आगे बढ़ाना, लचीला वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।
अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-20 से इतर रोम में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, "अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ एक बहुत अच्छी बैठक हुई। हमारी साझेदारी से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। महत्वपूर्ण क्षेत्रीय चिंताओं पर एक-दूसरे को अपडेट किया।"
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी दी कि बैठक में वैश्विक ऊर्जा संकट को उठाया गया। हालांकि जी 20 की पहली बैठक स्वास्थ्य मुद्दों पर केंद्रित थी। पहले सत्र में पीएम मोदी ने कोविड 19 के खिलाफ लड़ने में भारत के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने 150 से अधिक देशों को भारत की चिकित्सा आपूर्ति का उल्लेख किया और वन अर्थ, वन हेल्थ के हमारे दृष्टिकोण के बारे में बात की जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सहयोगात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसका जी-20 में विश्व के नेताओं ने स्वागत किया।
अगले साल के अंत तक वैक्सीन की 500 करोड़ खुराक का उत्पादन
श्रृंगला ने बताया कि पीएम मोदी ने जी-20 देशों को भारत को आर्थिक सुधार और आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण में अपना भागीदार बनाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इस तथ्य को भी सामने रखा कि महामारी की चुनौतियों के बावजूद, भारत विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं के संदर्भ में एक विश्वसनीय भागीदार बना रहा। पीएम ने बताया कि भारत अगले साल के अंत तक वैक्सीन की 5 बिलियन (500 करोड़) खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है। हम यह भी मानते हैं कि डब्ल्यूएचओ का ईयूए कोवैक्सीन की मंजूरी देकर अन्य देशों की सहायता करने का रास्ता खोलेगा।
सिंगापुर से पीएम से जलवायु परिवर्तन पर चर्चा
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री के साथ जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक प्रयासों पर चर्चा की। कोविड महामारी से निपटने और वैक्सीनेशन पर भी चर्चा हुई। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने भारत में रैपिड वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी।
पोप से भी मुलाकात, भारत आने का न्योता स्वीकारा
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच एक व्यक्तिगत बैठक हुई। इस दौरान बहुत से मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें कोविड महामारी, भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भविष्य के लिए तैयारियों, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल हैं। दोनों की मुलाकात 20 मिनट के लिए होनी थी, लेकिन ये एक घंटा चली। पोप फ्रांसिस भारत आने का पीएम मोदी का न्योता भी स्वीकार कर लिया। उन्होंने पीएम मोदी से कहा, आपने (पीएम मोदी) मुझे शानदार उपहार दिया है। मैं भारत यात्रा के लिए उत्सुक हूं। श्रृंगला ने कहा कि जहां तक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पीएम मोदी की बैठक का संबंध है, ऑकस का जिक्र हुआ था लेकिन यह प्रमुख विषय नहीं था। इस दौरान क्वाड पर कोई चर्चा नहीं हुई।
उद्घाटन सत्र वैश्विक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा
20 राष्ट्राध्यक्षों के समूह की इस वार्ता का उद्घाटन सत्र वैश्विक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा। साथ ही कार्यक्रम के इतर कुछ प्रमुख नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आगामी कदमों पर भी चर्चा की। शिखर वार्ता के आयोजक इटली को उम्मीद है कि जी-20 देश रविवार से ग्लासगो में शुरू हो रहे वैश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले महत्वपूर्ण जलवायु प्रतिबद्धताएं जताएंगे। बता दें कि रोम आए अधिकांश राष्ट्राध्यक्ष जी-20 वार्ता खत्म होते ही सीधे ग्लासगो के लिए रवाना हो जाएंगे। बैठक की पूर्व संध्या पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले राष्ट्रों की कमजोर प्रतिबद्धताओं के कारण ग्लासगो बैठक की विफलता को लेकर चेतावनी दी। साथ ही उन्होंने जी-20 देशों से आपसी और विकासशील देशों पर खतरनाक संदेह से उबरने का भी आह्वान किया।