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लंदन: रूस पर ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन का ब्लूप्रिंट चोरी कर अपनी वैक्सीन बनाने का आरोप लगा है। आरोप है कि रूस ने अपने जासूसों की मदद से ब्रिटेन में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का ब्लूप्रिंट चोरी करवाया और उसकी मदद से सबसे पहले कोविड-19 टीका स्पूतनिक-वी बना दिया। 

'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने ब्रिटेन के मंत्रियों को इस बारे में जानकारी दी है। एजेंसियों ने कहा है कि उनके पास ऐसे ठोस सबूत हैं जिससे यह साबित होता है कि रूस के जासूसी एजेंटों ने कोविड-19 वैक्सीन प्लान चुराकर इसका इस्तेमाल वैक्सीन बनाने में किया। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लूप्रिंट और संवेदनशील दस्तावेज रूस के जासूस ने खुद चुराए थे। सुरक्षा मंत्री डमियन हिंद्स ने हालांकि, इन आरोपों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि साइबर हमले अब तेज होते जा रहे हैं।

सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, रूस के जासूस ने व्यक्तिगत तौर पर ब्रिटेन जाकर वैक्सीन के सीक्रेट डिजाइन को चुराया।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ब्लूप्रिंट फार्मा कंपनी के लैब का कोई कागज था या फिर अध्ययन के लिए तैयार की गई वैक्सीन की वायल। साथ ही सूत्रों ने बताया कि हैकर्स ने मार्च 2020 की शुरुआत में यानी ब्रिटिश वैज्ञानिकों के वैक्सीन के लिए रिसर्च शुरू करने के ऐलान के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर साइबर हमले किए थे। 

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने पिछले साल अप्रैल में वैक्सीन के पहले ह्यूमन ट्रायल का एलान किया था लेकिन रूस ने बाजी मार ली। रूस ने बीते साल अगस्त महीने में ही यह ऐलान कर दिया कि उसने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-वी बना ली है। स्पूतनिक-वी को काफी असरकारी भी माना गया है। रूस ने इस वैक्सीन को भारत सहित कई देशों को निर्यात भी किया है। 

 

 

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