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काबुल: अफगानिस्तान की खामा प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के निर्देशन और प्रोत्साहन आयोग के अध्यक्ष मुल्ला आमिर खान मोतकी ने कहा कि  पंजशीर प्रांत के नेताओं के साथ वार्ता नाकाम रही है। मोतकी ने प्रांत के लोगों से अपने नेताओं को प्रोत्साहित करने की अपील की। 

कब्जे से आजाद अकेला प्रांत

पंजशीर घाटी हिंदुकुश पहाड़ियों में स्थित है। यह काबुल से करीब 90 किलोमीटर उत्तर की ओर है। कुछ ही महीनों में देश की राजधानी काबुल समेत लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने वाले कट्टर इस्लामी संगठन तालिबान की पकड़ से यह प्रांत अभी दूर है।

रिपोर्ट के अुसार मुल्ला ने कहा, 'अफगानिस्तान के हालिया इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि एक नई नियुक्त हुई सरकार ने आम माफी का एलान किया है। पंजशीर प्रांत के लोगों को अभी भी समस्याओं के बीच किसलिए रहना चाहिए? उन्हें आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए?' बता दें कि तालिबान के खिलाफ विद्रोह आंदोलन के एक मुख्य अफगान नेता अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद तालिबान को चुनौती का एलान कर चुके है।

 इस समय अफगानिस्तान के पूर्व प्रथम उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। 

मुल्ला ने कहा कि कब्जा पूरी तरह समाप्त हो चुका है और यह पूरे अफगानिस्तान के लिए बड़े गर्व की बात है लेकिन पंजशीर के लोग अभी भी तालिबान के खिलाफ हैं। उन्होंने पंजशीर के लोगों से कहा कि ऐसे लोगों को समर्थन बिल्कुल न दें जो इस क्षेत्र में युद्ध का समर्थन कर रहे हैं।

पंजशीर में तालिबान के सभी हमले नाकाम
नॉर्दर्न अलायंस ने एक ट्वीट में कहा कि दुश्मनों के प्रोपेगंडा पर यकीन मत करिए। पंजशीर में सभी छह तरह से हुए हमलों का एनआरएफ ने सफलता से मुकाबला किया है। इतने तालिबानी मारे गए हैं कि वो शव नहीं ले जा पा रहे हैं जो प्रांत के सीमाई इलाकों में पड़े हैं। उनके पास आधुनिक हथियार हैं लेकिन वो बेवकूफ हैं।

बता दें कि नॉर्दर्न एलायंस को आधिकारिक तौर पर 'यूनाइटेड इस्लामिक नेशनल फ्रंट फॉर दि साल्वेशन ऑफ अफगानिस्तान' के रूप में जाना जाता है। यह विद्रोही समूहों का एक सैन्य गठबंधन था। यह जो 1996 के अंत से 2001 तक अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के काबुल पर कब्जा करने के बाद संचालित हुआ था।

 

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