ताज़ा खबरें
संभल के मृतकों के परिजनों को सपा देगी पांच लाख का मुआवजा
बांग्लादेश में चिन्मय दास के बाद एक और हिंदू नेता की गिरफ्तारी
वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में नहीं होगी पेश

संयुक्त राष्ट्र: भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने संकल्प लिया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ करने न दिया जाए और आतंकवादियों की पनाहगाह न बनने दिया जाए। इसने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान से अफगानी व अन्य देशों के नागरिकों की वापसी को लेकर तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा। यूएनएससी ने एक प्रस्ताव ग्रहण किया है। इस प्रस्ताव को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रायोजित किया था। 13 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया तो चीन और रूस अनुपस्थित रहे। 

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद भारत की सदस्यता के अंतिम दिन 15 देशों के इस संगठन ने अफगानिस्तान में हालात को लेकर यह पहला प्रस्ताव अपनाया है। उल्लेखनीय है कि अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता भारत के पास थी। इस प्रस्ताव में अफगानिस्तान में संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय एकता को लेकर प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। इसके साथ ही 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट के पास हुए इस्लामिक स्टेट की ओर से किए गए आतंकवादी हमले की भी निंदा की गई।

बता दें कि 20 साल बाद अमेरिकी सेना के जाते ही अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरी तरह कब्जा हो गया है। 31 अगस्त को अमेरिका ने पूरी तरह अफगानिस्तान को खाली कर दिया। आखिर में काबुल एयरपोर्ट भी तालिबान के हवाले कर अमेरिकी सेना यहां से रवाना हो गई। तालिबान ने इसका जमकर जश्न भी मनाया और काबुल एयरपोर्ट पर हवाई फायरिंग की। 

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख