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इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सोमवार को उस वक्त राजनीतिक भूचाल के केंद्र में आ गए जब उनके बच्चों के नाम पनामा दस्तावेजों में विदेश में संपत्ति रखने वालों के रूप में आया। इस पर विपक्ष ने एक जांच की मांग की है वहीं उनके परिवार के सदस्यों ने किसी तरह का गलत काम करने से इनकार किया है। 15 करोड़ कर (टैक्स) दस्तावेजों के बड़े पैमाने पर लीक ने कथित तौर पर विदेशों में हुए गोपनीय लेन-देन के दस्तावेजों का खुलासा किया है। इनमें दुनिया की करीब 140 राजनीतिक शख्सियतों के नाम हैं। ये रिकॉर्ड 40 साल के हैं जिन्हें अज्ञात स्रोतों से जर्मन अखबार सुडेयुश्च जेतुंग के द्वारा हासिल किया और दुनियाभर के मीडिया को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) ने साझा किया है। दस्तावेजों के मुताबिक शरीफ की चार संतानों में तीन मरयम, हसन और हुसैन के पास कई कंपनियों के लिए मालिकाना या लेन-देन करने का अधिकार है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से प्रधानमंत्री शरीफ की वित्तीय होल्डिंग की गहन जांच शुरू करने की मांग की है।

इमरान ने कहा कि शरीफ को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके बच्चों ने यह धन कैसे अर्जित किया। इस बीच, शरीफ के बेटे हुसैन नवाज ने कहा कि उन्होंने पहले ही बताया है कि उनके मालिकाना हक में विदेश में कंपनियां हैं और उनके तहत कई अपार्टमेंट का मालिकाना हक रखते हैं। उन्होंने कहा कि शरीफ का नाम गलत रूप में लिया जा रहा और सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहन मरियम विदेश स्थित कंपनियों में न्यासी हैं। उनका परिवार भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है। इस बीच, पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि पनामा दस्तावेजों ने उनके सरकार के इस रुख को सही साबित किया है कि शरीफ और उनके भाई शाहबाज के पास किसी भी रूप में विदेश में कोई कारोबार नहीं है। गौरतलब है कि शरीफ का परिवार इत्तेफाक ग्रुप का मालिकाना हक रखता है जो करोड़ों डॉलर की इस्पात कंपनी है।

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