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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने परमाणु जखीरे में कमी में प्रगति करने तथा सैन्य सिद्धांत विकसित करने की आवश्यकता है जिससे कि वे लगातार गलत दिशा में न बढ़ते रहें। ओबामा ने कहा, ‘यहां हमारे सामने एक चुनौती यह है कि जब तक अमेरिका और रूस, परमाणु हथियार रखने वाले दो सबसे बड़े देशों के रूप में, मार्ग का नेतृत्व करने को तैयार नहीं होते तब तक हमारे परमाणु जखीरे में बड़ी कमी देखना अत्यंत मुश्किल है।’ ओबामा ने यहां दो दिन तक चले परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के अंत में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एक अन्य क्षेत्र जहां हमें प्रगति देखने की आवश्यकता है, वह पाकिस्तान और भारत हैं । यह सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि वे सैन्य सिद्धांत विकसित करते हुए लगातार गलत दिशा में न बढ़ते रहें।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें कोरियाई प्रायद्वीप पर देखने की जरूरत है क्योंकि उत्तर कोरिया पूरी तरह से एक अलग श्रेणी में है और हम सभी के लिए अत्यंत तात्कालिक चिंताएं उत्पन्न करता है।’ ओबामा ने कहा कि यह उन कारणों में से एक था जिसकी वजह से उन्होंने जापान और कोरिया के नेताओं के साथ त्रिपक्षीय बैठक की। उन्होंने कहा कि उनके चीनी समकक्ष के साथ बातचीत में भी यह एक बड़ा मुद्दा था।

अमेरिकी राष्ट्रपति की इन टिप्पणियों को पाकिस्तान के परमाणु जखीरे में तेजी से हो रही वृद्धि को लेकर बढ़ती अमेरिकी असहजता के संदर्भ में देखा जा रहा है। पिछले महीने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान से कहा था कि वह अपनी परमाणु नीति की समीक्षा करे। उन्होंने अमेरिका तथा रूस का उदाहरण दिया था जो अपने परमाणु जखीरे में और कमी करने के लिए काम कर रहे हैं।

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