वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनकी अमेरिकी समकक्ष सुसन राइस ने क्षेत्र में आईएसआईएस के आतंकी खतरे पर विचारों का आदान-प्रदान किया और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ आतंकवाद निरोधक सहयोग के विस्तार पर भी चर्चा की। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में कल से शुरू हो रहे परमाणु सुरक्षा शिखर-सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका पहुंचे डोभाल ने व्हाइट हाउस में राइस से मुलाकात की। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस के लिए एक अलग नाम का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘राइस और डोभाल ने क्षेत्र में आईएसआईएल के आतंकी खतरे पर और इस तरह के समूहों को बल प्रदान करने वाली विचारधारा से लड़ने के महत्व पर विचार-विमर्श किया’’ प्राइस के मुताबिक उन्होंने अमेरिका-भारत आतंकवाद निरोधक सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें लश्कर और जैश के खिलाफ लड़ाई शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग के तहत इस साल व्यावसायिक प्रगति की संभावनाओं पर विचार साझा किये।’ प्राइस ने कहा कि बैठक में राइस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका का समर्थन दोहराया। डोभाल विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना है, कल यहां पहुंचेंगे।