हवाना: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो के अभूतपूर्व संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच पिछले लगभग 50 साल से चला आ रहा तनाव साफ देखने को मिला। दोनों ही नेताओं ने इस दौरान मानवाधिकारों और दीर्घकालिक अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। इस संयुक्त संबोधन ने क्यूबा वासियों को हैरानी में डाल दिया क्योंकि यहां नेताओं से ऐसी मुखरता के साथ सवाल पूछे जा रहे थे, जिसके वे आदी ही नहीं हैं। दोनों देशों के संबंधों में पिछले 15 माह से भले ही तेजी से सुधार आया हो लेकिन इन सवाल-जवाबों के जरिए दोनों देशों के बीच अब भी मौजूद गहरे मतभेद रेखांकित हो गए। 15 माह पहले ओबामा और कास्त्रो ने यह घोषणा करके दुनिया को हैरान कर दिया था कि दोनों देश शीतयुद्ध के दौर के कूटनीतिक अवरोध को खत्म कर रहे हैं। हवाना के पैलेस ऑफ रेवोल्यूशन में अपनी ऐतिहासिक क्यूबा यात्रा के दूसरे दिन खड़े ओबामा ने बार-बार कास्त्रो पर उनके देश के मानवाधिकारों से जुड़े रिकॉर्ड को सुधारने के लिए दबाव बनाया।
ओबामा ने कहा, जैसा कि राष्ट्रपति कास्त्रो ने संकेत दिया, हमारे बीच आज भी कई बेहद गंभीर मतभेद हैं और ये इनमें लोकतंत्र और मानवाधिकारों से जुड़े मतभेद शामिल हैं। ओबामा की मंगलवार को क्यूबा में असहमति रखने वाले लोगों से मुलाकात करने की योजना है। फिर भी अमेरिका और क्यूबा के संबंध में एक ‘नए दिन’ की शुरूआत करते हुए ओबामा ने कहा, संबंधों को सामान्य करने का एक पहलू यह भी है कि हम इन मतभेदों पर सीधे तौर पर चर्चा करें। कास्त्रो ने तीखा रूख अपनाते हुए अमेरिकी प्रतिबंधों की आलोचना की और इन प्रतिबंधों को अपने देश के आर्थिक विकास की राह में सबसे बड़ा अवरोधक करार दिया। उन्होंने ओबामा पर यह दबाव भी बनाया कि वह ग्वांतानामो बे स्थित उस अमेरिकी नौसैन्य अड्डे को उनकी सरकार को लौटाएं, जो क्यूबा के द्वीप पर बना है। कास्त्रो ने सीधे तौर पर कहा, हमारे देशों के बीच कई गहरे मतभेद हैं जो दूर नहीं होंगे। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने अपने क्यूबाई समकक्षों को इस बात के लिए मनाने में कई सप्ताह लगाए कि दोनों नेताओं की निजी मुलाकात के बाद वे संवाददाताओं के सवालों का जवाब दें। कास्त्रो की ओर से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जाना अपने आप में दुर्लभ है। हालांकि कभी-कभी मूड होने पर वह अचानक ही संवाददाताओं के सवाल ले लेते हैं। हालांकि क्यूबाई-अमेरिकियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए राजनीतिक कैदियों का मुद्दा बेहद अहम है लेकिन इस द्वीप के अधिकतर लोग वस्तुओं की कमी और स्थानीय अफसरशाही से उनके संघषरें को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। सवाल पूछे जाने के दौरान कास्त्रो कई बार उग्र होते दिखाई दिए। कई बार वह ऐसा दिखाते रहे मानो उन्हें समझ न आ रहा हो कि उनसे क्या पूछा जा रहा है। लेकिन जब एक अमेरिकी संवाददाता ने उनसे क्यूबा में राजनीतिक कैदियों के बारे में पूछा तो उन्होंने उग्रता के साथ पत्रकार से कहा कि यदि वह किसी एक ऐसे व्यक्ति का नाम दे देता है, जिसे अनुचित तरीके से बंदी बनाया गया है, तो ‘‘उन्हें आज रात खत्म होने से पहले छोड़ दिया जाएगा। कास्त्रो ने कहा, क्या राजनीतिक कैदी? मुझे किसी एक का या इससे ज्यादा लोगों के नाम बताइए। एक वर्ष में हजारों बार प्रदर्शनकारियों को संक्षिप्त हिरासत में रखने के लिए क्यूबा की आलोचना होती रही है लेकिन ऐसे अपराधों में लंबे समय तक जेल में रखने के मामलों में काफी कमी आई है जिसे मानवाधिकार समूह राजनीतिक मानते हैं। क्यूबा ने अमेरिका के साथ संबंधों को सामान्य करने के प्रयास के तहत दर्जनों कैदियों को रिहा किया है। क्यूबा और क्यूबा अमेरिकी समूह ने 47 और 80 के बीच राजनीतिक कैदियों की सूची बनाई है जबकि क्यूबा के अधिकारी कई को आम अपराधी बताते हैं। ओबामा के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा कि अमेरिका नियमित तौर पर विशिष्ट मामलों को उठाता है और कुछ का समाधान भी होता है लेकिन कहा कि क्यूबा कहता रहा है कि उन्हें दूसरे अपराधों में गिरफ्तार किया गया है। रोड्स ने कहा, मैंने क्यूबा की सरकार के साथ कई सूचियों की अदला-बदली की है।