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इस्लामाबाद: परवेज मुशर्रफ को राहत देते हुए पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पूर्व सैन्य शासक पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की सरकार की याचिका को ठुकरा दिया। मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह सहित कई मुकदमे चल रहे हैं। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि 72 वर्षीय मुशर्रफ की विदेश यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, अगर संघीय सरकार उन्हें नहीं रोकती है। सिंध उच्च न्यायालय ने जून 2014 में अपने फैसले में कहा था कि मुशर्रफ देश से बाहर जा सकते हैं। अदालत के इस फैसले को सरकार ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन न्यायालय ने सरकार की याचिका खारिज कर दी। मुशर्रफ के वकील फरोह नसीम ने मीडिया को बताया कि सरकार ने गैरकानूनी तरीके से मुशर्रफ को विदेश जाने से रोका था। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार, मुशर्रफ के विदेश जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास किसी को भी विदेश जाने से रोकने का अधिकार है और इसके लिए वह उक्त व्यक्ति का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल सकती है।

सरकार की ओर से 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा शुरू किए जाने के बाद उनकी विदेश यात्रा का मामला सामने आया। पूर्व सैन्य शासक द्वारा 2007 में संविधान को निलंबित किए जाने को लेकर उनपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। सरकार ने अप्रैल 2014 में मुशर्रफ की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन कराची स्थित सिंध उच्च न्यायालय ने जून 2014 के एक फैसले में इस प्रतिबंध को खारिज कर दिया। सरकार ने इसी फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अनवर जहीर जमाली की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मुशर्रफ को विदेश यात्रा की अनुमति देने के सिंध उच्च न्यायालय के फैसले को आज बरकरार रखा।

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