काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने शनिवार को कहा कि उनकी भारत यात्रा से उन द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में मदद मिली है जो संविधान विरोधी आंदोलन के समय तल्ख हो गए थे। दूसरी तरफ आंदोलनरत मधेसी मोर्चे ने उनके दौरे को पूरी तरह नाकाम करार दिया और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो नए सिरे से प्रदर्शन किए जाएंगे। ओली ने शनिवार को भैरहवा में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'इससे पहले मधेसी आंदोलन के समय दोनों पड़ोसियों के बीच के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी, लेकिन मेरी यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधो को सुधारने में मदद मिली है।' अपनी यात्रा को उपयोगी करार देते हुए नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा, 'अब हमारे बीच गलतफहमियां नहीं हैं। ऐसे में हमारा ध्यान सात सूत्री समझौते के क्रियान्वयन पर होगा।'
उन्होंने आंदोलनकारी मधेसी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे सरकार में शामिल हों और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ें। उधर, युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने शनिवार को एक बैठक कर प्रदर्शन के कार्यक्रमों की समीक्षा की। उसने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो नए सिरे से प्रदर्शन किए जाएंगे।