येरूशलम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को येरूशलम में भारतीय मूल के और स्थानीय यहूदी समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल साहित्य, संस्कृति, परंपराओं की समानताओं का देश है। भारत और इजरायल मानवीय मूल्य और विरासत के साझेदार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार बहुत जल्द इजरायल में इंडियन कल्चरल सेंटर खोलने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय के जिन लोगों ने इजरायल में कंपल्सरी आर्मी सर्विस की है, उन्हें भी अब से ओसीआई कार्ड मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इजरायल में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को ओसीआई और पीआईओ कार्ड को लेकर दिक्कतें हो रही हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि भारत उन्हें ओसीआई कार्ड देने से मना करे। अगर भारतीय समुदाय के जिन लोगों ने इजरायल में कंपल्सरी आर्मी सर्विस की है, उन्हें ओसीआई कार्ड मिल जाएगा। उन्होंने माना कि भारतीय प्रधानमंत्री को इजरायल आने में 70 साल लग गए। मोदी ने कहा, ‘भारत की स्वतंत्रता के 70 साल बाद आज मैं इजरायल की धरती पर आप सबका आशीर्वाद ले रहा हूं। इजरायल आने के बाद जिस तरह नेतन्याहू मेरे साथ रहे हैं, वह भारत के 125 करोड़ लोगों का सम्मान है।’मोदी ने कहा कि दोनों देशों के राजनयिक संबंध बने भले ही 25 साल हुए हों, लेकिन कई सौ सालों से एक-दूसरे बहुत गहराई से जुड़े हैं।
साथ मौजूद नेतन्याहू का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम दोनों में एक विशेष समानता यह है कि हम अपने-अपने देशों की स्वतंत्रता के बाद पैदा हुए हैं। हमारा साथ परंपराओं, संस्कृति और भरोसे का है। मोदी ने कहा कि किसी देश के विकास के लिए संख्या मायने नहीं रखती, इजरायल ने यह साबित करके दिखाया है। भारत और इजरायल के बीच रिश्तों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि महान भारतीय सूफी संत बाबा फरीद ने 13वीं सदी में येरूशलम में रहकर एक गुफा में लंबी साधना की थी, जो आज तीर्थस्थल है। उन्होंने कहा कि आज भी यह जगह येरूशलम और भारत के 800 साल पुराने रिश्तों का प्रतीक है। 2011 में इस तीर्थस्थल के संचालक शेख अंसारी को प्रवासी भारतीय सम्मान मिला था। मोदी ने कहा कि हमारे त्योहारों में भी एक अद्भुत समानता है, यहां भारत में होली मनती है तो यहां परीम मनाया जाता है। भारत में दीवाली मनती है तो यहां हनुका मानाया जाता है। पीएम ने बताया कि यहूदी पुनरुत्थान के प्रतीक मेकायवा गेम का इजरायल में गुरुवार को उद्घाटन हो रहा है और भारत के यहूदी खिलाड़ी भी इसमें भाग ले रहे हैं। उन्होंने सेकेंड लेफ्टिनेंट एलिस एस्टन को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इजरायली शहर हाइफा को आजाद करने में भारतीय सैनिकों की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने लेफ्टिनेंट जेएफआर जैकब को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों के आत्मसमर्पण में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया रेडियो की सिग्नेचर भी एक यहूदी धुन वाल्टर कॉपमैन ने बनाई थी, जो 1935 में एआईआर के निदेशक थे। उन्होंने खुशी जताई कि मराठी भाषा की पत्रिका माई बोली का इजरायल में प्रकाशन होता है, कोचीन से आए हुए यहूदी लोग ओणम भी धूमधाम से मनाते हैं। मोदी ने इजरायल के पीएम डेविड बिन गुरियन और पूर्व राष्ट्रपति शिमोन पेरेज को याद किया।