ताज़ा खबरें
संभल के मृतकों के परिजनों को सपा देगी पांच लाख का मुआवजा
बांग्लादेश में चिन्मय दास के बाद एक और हिंदू नेता की गिरफ्तारी
वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में नहीं होगी पेश

नई दिल्ली: चीन की सरकारी मीडिया ने भारत को धमकी दी है कि उनका देश सिक्किम-डोकलाम विवाद में पीछे नहीं हटेगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने ताजा संपादकीय में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीमा विवाद मामले में भारत पीछे नहीं हटेगा तो चीन 'सिक्किम में आजादी' का समर्थन करना शुरू कर देगा। गौरतलब है कि सिक्किम बॉर्डर पर भूटान ट्राइजंक्शन के पास डोकलाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 20 दिन से गतिरोध जारी है। अखबार में छपे लेख में कहा गया, भारत से निपटने के लिए सिक्किम की आजादी का समर्थन एक 'पावरफुल कार्ड' होगा। बीजिंग को सिक्किम को लेकर अपने रुख पर फिर से विचार करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसका मानना है कि भारत को अपने उकसावे के लिए कीमत चुकानी होगी। चीन को भारत की 'क्षेत्रीय आजादी' खत्‍म करने की जरूरत है। भारत पर आरोप लगाते हुए कहा गया है, भारत भूटान पर कंट्रोल करने और ऑपरेशन करने का प्रयास कर रहा है। भूटान ने अपने पड़ोसी देश चीन सहिय संयुक्त राष्ट्र काउंसिल के किसी भी स्थायी सदस्य देश से किसी तरह राजनयिक संधि नहीं किया है। लेकिन, भारत की असमान संधि की वजह से भूटान की राजनीतिक संप्रभुता पर खतरा है।

संपादकीय के अनुसार, सिक्किम की आजादी के समर्थन को लेकर चीनी समाज में जो आवाजें बुलंद हैं, वहीं आवाजें सिक्किम में आजादी की मांग को फैलाएंगी और सुलगाएंगी। संपादकीय में यह भी कहा गया है कि सिक्किम के लोग इस बात को लेकर 'संवेदनशील' हैं कि दुनिया उन्‍हें किस नजर से देखती है। सिक्किम का विलय भूटान के लिए भयावह सपने जैसा है। सिक्किम साल 1976 में भारत का हिस्सा बना। यह भारत का एक मात्र राज्य है, जिसकी सीमा चीन से सीमाबद्ध है। ग्लोबल टाइम्स में कहा गया, 2003 में चीन ने सिक्किम पर भारत के कब्‍जे को स्‍वीकार कर लिया था, मगर अब वह इस मामले को लेकर अपने रुख पर पुनर्विचार कर सकता है। आपको बता दें कि डोकलाम में भारत की मजबूत स्थिति के चलते चीनी मीडिया लगातार बयानबाजी कर रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख