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बीजिंग: सिक्किम सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के बीच भारत ने आतंकवाद निरोध और सदस्य देशों के बीच सीमा नियंत्रण तंत्र को प्रोत्साहन देने के लिये चीन में एससीओ की बैठक में हिस्सा लिया। भारत और पाकिस्तान के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह पहली पूर्ण बैठक है। चीन, भारत और रूस समेत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सात सदस्यों ने संगठन के सीमा नियंत्रण विभागों के प्रमुखों की पूर्वोत्तर चीन के लायोनिंग प्रांत के डलियान में गुरुवार को हुई बैठक में हिस्सा लिया। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने एससीओ की डलियान बैठक में हिस्सा लिया। भारत और पाकिस्तान के जून में समूह का पूर्ण सदस्य बनने के बाद से यह एससीओ की पहली पूर्ण बैठक है। समूह के अन्य सदस्यों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किगर्स्तिान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। सरकारी ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ने में कैसे सहयोग किया जाए इसपर चर्चा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने सीमापारीय अपराधों को रोकने के लिये सीमा पर संयुक्त अभियान और सीमा की सुरक्षा पर संगठन में सहयोग में सुधार करने पर भी चर्चा की।

चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के सीमा नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी चेन दिंगवू ने कहा कि सीमा प्रवर्तन सहयोग चीन और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि चीन अन्य देशों के सीमा नियंत्रण विभागों के साथ सहयोग को महत्व देता है और उसने एससीओ सदस्यों समेत 11 पड़ोसी देशों के साथ सहयोग तंत्र का पहले ही निमार्ण किया है। एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव ने कहा कि एससीओ सदस्य देश शंाई की भावना के अनुसार समानता के आधार पर साझा हित के मुद्दों पर चर्चा करने के इच्छुक हैं।

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