रियाद: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद आतंकवाद को लेकर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने भारत को आतंकवाद से पीड़ित देश बताते हुए कहा कि सभी देशों को अपनी जमीन का इस्तेमाल चरमपंथ के लिए नहीं होने देना चाहिए। सऊदी अरब के रियाद स्थित किंग अब्दुल अजीज कांफ्रेंस सेंटर में चल रहे ‘अरब इस्लामिक अमेरिकी सम्मेलन’ में रविवार को नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं की मौजूदगी में ट्रंप ने आतंकवाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहे भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, रूस और चीन में भी चरमपंथियों ने कई हमले किए। आतंकवाद ने अरब और अन्य मुस्लिम देशों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मध्यपूर्व एशिया सहित कई मुस्लिम देशों में आतंकवाद से जान गंवाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। इंसानियत के खिलाफ आतंकवाद का शिकंजा पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। ट्रंप ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद को पाल रहे हैं। वे दुनियाभर में चरमपंथ को बढ़ावा देने में अपनी सरजमीं से उनका सहयोग कर रहे हैं। इसका शिकार कई बार अमेरिका भी हो चुका है। लिहाजा हर देश का यह कर्त्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकियों के लिए न हो।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते हालिया तनाव को देखते हुए ट्रंप का बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि मध्य एशिया के देशों को इस्लामिक आतंकवाद से निपटने के लिए आगे आना होगा। उन्हें मदद के लिए अमेरिका का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि दुनियाभर में 95 फीसदी आतंकवादी हमलों से मुसलमान ही पीड़ित हैं। आतंकवाद किसी धर्म या ईश्वर की पूजा नहीं करता, वह मौत की पूजा करता है। आतंकी संगठन किसी तरह की प्रेरणा नहीं देते हैं, बल्कि हत्याएं करते हैं। 55 मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में ट्रंप ने कहा कि पश्चिमी देशों और इस्लाम के बीच कोई लड़ाई नहीं है। यह आतंकवाद के खिलाफ अच्छे और बुरे के बीच की लड़ाई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के सुल्तान ने रियाद में कट्टरपंथी विचारधारा से निपटने के लिए वैश्विक केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र इंटरनेट, विशेष रूप से सोशल नेटवर्क पर साझा की गई सूचनाओं की निगरानी करेगा और घृणा फैलाने वाले संदेशों पर रोक लगाएगा। ट्रंप और सुल्तान सलमान बिन अब्दुल्लाजीज ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी सहित अन्य नेताओं के साथ इस केंद्र का दौरा किया। यह अपनी तरह का विश्व का पहला केंद्र है। इस दौरान अमेरिका और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के कई सदस्यों ने आतंकवाद के लिए किए जा रहे वित्तपोषण से निपटने के लिए ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर किए।