रियाद: घरेलू मोर्चे पर घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को पहली विदेश यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे। यात्रा के पहले दिन अमेरिका ने सऊदी अरब से 110 अरब डॉलर (7090 करोड़ रुपये) के हथियार बेचने का सौदा किया। ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया, बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुश्नर के साथ रियाद पहुंचे, जहां हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। सऊदी शासक किंग सलमान खुद उनकी अगवानी करने पहुंचे। गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उनकी टीम के रूस से संबंधों को लेकर निशाने पर हैं। ट्रंप खुद जांच बंद करने के लिए एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे पर दबाव डालने के आरोप का सामना कर रहे हैं। मेलानिया अन्य विदेशी हस्तियों की तरह बिना सिर ढंके एयरफोर्स वन से बाहर आईं। सऊदी अरब में महिलाओं को सिर ढंकने की परंपरा है। ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने पहली विदेश यात्रा के लिए किसी मुस्लिम देश को चुना है। सऊदी से अरबों डॉलर के सौदे का दाम घटाने के लिए ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर ने लॉकहीड मार्टिन के एक अधिकारी को फोन किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, जब कुशनर को पता चला कि अधिक कीमत के कारण सऊदी अरब इस प्रणाली को खरीदने से पीछे हट सकता है, तो उन्होंने लॉकहीड मार्टिन की सीईओ मेरिलिन ए ह्यूसन को फोन किया।
उन्होंने ह्यूसन से पूछा कि क्या कंपनी कीमत घटा सकती है। इस पर ह्यूसन ने कीमतों पर फिर से विचार करने की बात कही। कुशनर के इस हस्तक्षेप से ट्रंप प्रशासन पर लग रहे इन आरोपों को बल मिला है कि उनका प्रशासन कामकाज में औपचारिक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर रहा है। बराक ओबामा के शासनकाल के दौरान अमेरिका के सऊदी से रिश्ते बिगड़ गए थे। ओबामा ने ईरान से परमाणु समझौता करने के साथ यमन के सैन्य अभियान में सऊदी की मदद करने से इनकार कर दिया था। मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के तख्तापलट का समर्थन करने और बशर अल असद के खिलाफ सीधी कार्रवाई से ओबामा का इनकार भी सऊदी शासकों को रास नहीं आया। चुनाव प्रचार के दौरान और राष्ट्रपति बनने के बाद आतंकवाद को लेकर मुस्लिमों और मुस्लिम देशों पर निशाना साधने वाले ट्रंप ने रियाद यात्रा के जरिये इस्लामिक देशों से संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। मध्यपूर्व में सऊदी अरब सबसे ताकतवर देश है और सुन्नी धड़े वाले देशों का अगुआ है। सऊदी के सैन्य अभियान में हजारों नागरिकों के मारे जाने पर चुप ट्रंप शिया बहुल देशों के अगुआ ईरान के खिलाफ आक्रामक रहे हैं।