बीजिंग: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार (15 मई) को कहा कि बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमले से रूस का कुछ भी लेना देना नहीं है। पुतिन ने मूल सॉफ्टवेयर बनाने के लिए अमेरिकी गुप्तचर समुदाय की आलोचना की. डेढ़ सौ से अधिक देशों में हजारों कम्प्यूटर रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुए हैं। इस हमले को अपने तरह का सबसे बड़ा हमला बताया गया है। पुतिन ने कहा, ‘जहां तक इन खतरों के स्रोत का सवाल है, माइक्रोसॉफ्ट नेतृत्व ने यह सीधे तौर पर कहा है कि वायरस का स्रोत अमेरिका की विशेष सेवाएं है।’ पुतिन सप्ताहांत में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ की ओर से किये गए उस ब्लॉग पोस्ट का उल्लेख कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने वह कोड विकसित किया था जिसका इस्तेमाल हमले में किया जा रहा है। अमेरिका ने पूर्व में रूस पर कई साइबर हमले करने का आरोप लगाया है। दुनियाभर में पिछले सप्ताह साइबर हैकरों द्वारा किए गए रैनसमवेयर हमले की शिकार जापान की 600 कंपनियां भी हुई हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हिताची और अग्रणी वाहन निर्माता निसान शामिल हैं। अधिकारियों ने सोमवार (15 मई) को रैनसमवेयर यानी 'फिरौती वायरस' साइबर हमले की पुष्टि की। 'फिरौती वायरस' एक ऐसा वायरस है जो हैक किए गए डाटा के बदले पैसे की उगाही करता है। फिरौती की रकम नहीं देने पर हैकर डाटा को नष्ट कर देते हैं।
जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, 600 कंपनियों के 2,000 के करीब कंप्यूटर रैनसमवेयर वायरस 'वानाक्राई' का शिकार हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट में हिताची के हवाले से कहा है कि रैनसमवेयर हमले के चलते कंपनी की ईमेल सेवा बाधित हुई है। निसान मोटर ने भी वक्तव्य जारी कर कहा कि उनके कुछ संयंत्रों को फिरौती वायरस हमले का निशाना बनाया गया, हालांकि संयंत्रों में कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ओसाका के सिटी काउंसिल की वेबसाइट सोमवार को सुबह 10 बजे क्रैश कर गई और अभी भी वे इसे बहाल करने में लगे हुए हैं। जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी ने इस बीच बैंकों और बीमा सहित सभी घरेलू वित्तीय संस्थानों तथा सुरक्षा संस्थानों से सतर्क रहने के लिए कहा है। हैकर 'वानाक्राई' नाम के फिरौती वायरस के जरिए हमला कर किसी कंप्यूटर में सेव फाइलें ब्लॉक कर देते हैं और फाइलें दोबारा हासिल करने के लिए डिजिटल मुद्रा 'बिटकॉइन' में फिरौती की रकम मांगते हैं।