बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने चीन के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से हो कर गुजरने वाले इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है। एक-दूसरे से जुड़ी हुई नयी दुनिया और अपने महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड :बी एंड आर: कदम पर चीन के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में 63 वर्षीय शी ने प्राचीन रेशम मार्ग का संदर्भ दिया और ‘‘सिंधु तथा गंगा स5यताओं सहित’’ विभिन्न स5यताओं के महत्व पर अपनी बात रखी। लेकिन उन्होंने 50 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन भारत आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: पर भारत की आपत्ति का कोई जिक्र नहीं किया। ‘बी एंड आर’ के तहत यह महत्वाकांक्षी परियोजना पाकिस्तानी कब्जे वाले गिलगिट और बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है। भारत पूरे जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है। हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा, ‘‘सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता, मर्यादा और क्षेत्रीय अखंडता का, एक दूसरे के विकास के रास्तों का, सामाजिक प्रणालियों का और एक दूसरे के प्रमुख हितों तथा बड़ी चिंताओं का सम्मान करना चाहिए।’’
भारत ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते बीजिंग में आज से शुरू हुए सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। भारत के फैसले के बाद शी ने आज 45 मिनट लंबा उद्घाटन भाषण दिया। भारत ने कल रात आधिकारिक बयान जारी कर अपने बहिष्कार का स्पष्ट संकेत दिया कि भारत ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा, ‘‘कोई देश ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज करती हो।’’ हालांकि, दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कुछ भारतीय विद्वानों ने हिस्सा लिया। बीजिंग में हो रहे इस सम्मेलन में 29 देशों के नेता शामिल हुए। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संभवत: सबसे बड़े शिष्टमंडल.. चार मुख्यमंत्रियों और पांच संघीय मंत्रियों.. के साथ आये हैं। शी ने कहा कि ‘बेल्ट एंड रोड’ ‘‘इस सदी की परियोजना है’ जिससे पूरी दुनिया के लोगों को लाभ होगा।