लंदन: शुक्रवार शाम के बाद दुनिया भर के करीब 74 देशों के 45 हजार से अधिक कंप्यूटरों पर हुए सायबर हमले की जद में भारत भी आ गया। यह वायरस भारत में भी फैल गया है। आंध्र प्रदेश पुलिस के करीब 100 सिस्टम इस वायरस से प्रभावित हुए हैं। इस सायबर हमले की पुष्टि करते हुए भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम के महानिदेशक गुलशन राय ने कहा कि हमने आज एक मूल्यांकन बैठक बुलाई और पाया कि आंध्र प्रदेश पुलिस के 102 सिस्टम रैंसमवेयर से संक्रमित पाए गए। खासकर वे जिनमें विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा था। दरअसल, एक बड़े वैश्विक साइबर हमले ने ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम को प्रभवित करने के साथ अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय कूरियर सर्विस फेड एक्स को प्रभावित किया है। साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक मालवेयर कंप्यूटर वायरस 'रैंसमवेयर' की चपेट में आकर कंप्यूटर प्रभावित हो रहे हैं। ये वायरस स्पैम ईमेल के जरिये जॉब ऑफर, इनवायसस, सेक्योरिटी वार्निंग्स और अन्य संबंधित फाइल्स की शक्ल में पहुंच रहा है। एक बार इसके कारण कंप्यूटर के करप्ट होने के बाद इसको दुरुस्त करने के लिए और फिर से एक्सस प्राप्त करने के लिए 300-600 डॉलर तक की फिरौती मांगी जा रही है। सुरक्षा शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ पीडि़तों ने डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के जरिये भुगतान भी किया है, लेकिन उनको यह नहीं पता कि अब तक कितना भुगतान साइबर हमलावरों को दिया गया है।
इस साइबर हमले के बाद कंप्यूटरों ने काम करना बंद कर दिया। प्रभावित संगठनों ने कंप्यूटर्स के लॉक होने और बिटकॉइन की मांग करने वाले स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं। ब्रिटेन, अमेरिका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम समेत कई अन्य देशों में रेनसमवेयर साइबर हमलों की ख़बर है। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस भी इस हमले से प्रभावित हुई है। साइबर सुरक्षा शोधकर्ता के मुताबिक़ बिटकॉइन मांगने के 36 हज़ार मामलों का पता चला है। ये वानाक्राइ या इससे मिलते-जुलते नाम से किए गए हैं। उन्होंने कहा, "ये बहुत बड़ा है।" ब्रिटेन की नेशनल हेल्थसर्विस (एनएचएस) भी रैंसमवेयर से बुरी तरह प्रभावित हुई है। हैकर्स ने ब्रिटेन की हेल्थ सर्विस से जुड़े कंप्यूटरों को निशाना बनाया है। एनएचएस के कर्मचारियों ने वानाक्राइ के प्रोग्राम के स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक ब्रिटेन के कई अस्पतालों का कहना है कि उन्हें अपने कंप्यूटर खोलने में परेशानी हो रही है। जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है, जिसमें कहा गया है कि यदि फाइल वापस पाना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे। साइबर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस प्रोग्राम को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने विकसित किया था। इसको चुराकर हैकरों ने इस तरह का बड़ा साइबर हमला किया है। साइबर विशेषज्ञ रिच बार्जर के मुताबिक यह अब तक का सबसे बड़ा रैंसमवेयर हमला है, जिसको साइबर समुदाय हालिया दौर में देखा है। एक बार यदि यह मालवेयर कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश कर जाता है, तो इस फिर इसको रोकना बहुत मुश्किल होता है।