ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद: पनामा मामले में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक नई मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि 1989 में कश्मीर और अफगानिस्तान में जिहाद फैलाने के लिए नवाज शरीफ ने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन 1.5 अरब रुपये लिए थे। यह भी आरोप है कि इन पैसों में से करीब 27 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए किया था। तहरीक-ए-इंसाफ ने ये आरोप कुछ इंटरव्यू और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व जासूस खालिद ख्वाजा की पत्नी शमामा खालिद की किताब ‘खालिद ख्वाजा : शहीद-ए-अमन’ के हवाले से लगाए हैं। वर्ष 2010 में तालिबान ने ख्वाजा की हत्या कर दी थी। पार्टी प्रमुख इमरान खान ने नवाज शरीफ का इस्तीफा मांगा है। पीटीआई के प्रवक्ता फवाद चौधरी के मुताबिक लोकतंत्र के खिलाफ साजिश और अस्थिरता पैदा करने को लेकर विदेशी शख्स से धन लेने के लिए शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर वह उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करेंगे। पनामा पेपर मामले के खुलासों में नवाज शरीफ के परिवार का नाम भी है। यह मुकदमा 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का है।

शरीफ उस दौरान दो बार प्रधानमंत्री रहे थे। इसके अनुसार शरीफ की बेटी मरियम और बेटों- हसन एवं हुसैन की विदेश में कंपनियां थीं तथा इनके जरिए कई लेनदेन हुए थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख