नई दिल्ली: ईरानी सेना के प्रमुख ने आज पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि सीमा पार हमलों के लिए जिम्मेदार सुन्नी आतंकवादियों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो वह उनके पाकिस्तानी शिविरों को नष्ट कर देगा। सरकारी न्यूज एजेंसी इरना ने ईरानी सेना के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी के हवाले से कहा,'हम इस स्थिति को जारी रखने को स्वीकार नहीं कर सकते।' उन्होंने कहा,' हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी अधिकारी सीमाओं को नियंत्रित करें, आतंकवादियों को गिरफ्तार करें और उनके शिविरों को बंद करें।' बाकरी ने कहा, 'अगर आतंकवादी हमले जारी रहें तो हम उनके पनाहगाहों पर हमले कर देंगे, चाहे वे जहां भी हों।' ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान का दौरा किया और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ से सीमा सुरक्षा में सुधार के लिए कहा। पाकिस्तान ने ईरान को आश्वस्त किया कि वह अपनी सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करेगा। गौरतलब है कि गत माह सुन्नी आतंकवादियों ने ईरानी सीमा सुरक्षा के दस गार्डों की हत्या कर दी थी। ईरान के मुताबिक जैश अल अदल नामक सुन्नी आतंकवादी संगठन समूह ने पाकिस्तान के भीतर से लंबी दूरी तक गोली दागने की क्षमता वाली बंदूकों की मदद से इन गार्डों को मार डाला। सीमा पर अलगाववादी आतंकवादियों और तस्करों की सक्रियता के कारण सीमावतीर् इलाका संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है।
ईरान ने वर्ष 2014 में जैश अल अदल द्वारा पांच ईरानी बॉर्डर गार्ड के अपहरण किए जाने के बाद चेतावनी दी थी कि वह उन्हें वापस लाने के लिए अपने सैनिकों को पाकिस्तान भेजेगा। पाकिस्तान ने उस समय कहा था कि इस तरह की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगी और ईरानी सेना को सीमा पार नहीं करने की चेतावनी भी दी थी। बाद में हालांकि ईरान ने अपने सैनिक नहीं भेजे क्योंकि एक स्थानीय सुन्नी धर्मगुरु ने मामले में हस्तक्षेप कर इसे सुलझाने में मदद की। चार गार्ड कुछ ही महीने बाद मुक्त होकर वापस लौट आए लेकिन एक गार्ड को आतंकवादियों ने मार डाला। जैश अल अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जिसने ईरान में अल्पसंख्यक सुन्नी मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करने के उद्देश्य से ईरानी सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमले किए हैं। ईरान में अधिकांश शिया हैं। समूह ने अप्रैल 2015 में आठ बॉर्डर गार्डों की हत्या और अक्टूबर 2०13 में 14 सीमावर्ती गार्डों की हत्या की जिम्मेदारी ली है।