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पेरिस: युवा नेता इमैनुअल मैकरॉन फ्रांस के अगले राष्ट्रपति होंगे। देर रात तक आए शुरुआती रुझानों के अनुसार, 65.1 फीसदी वोटों के साथ मैकरॉन की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी और धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन को मात्र 34.9 फीसदी वोट ही मिले। पेन ने रुझानों को देखते हुए मैकरॉन को जीत की बधाई भी दे दी। हालांकि अभी चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राष्ट्रपति चुनने के लिए रविवार को मतदान हुआ था। गृह मंत्रालय ने कहा कि शाम पांच बजे तक 65.30 फीसदी मतदान दर्ज हुआ, जो 2012 से 6.6 फीसदी कम रहा। सर्वेक्षणों में मैकरॉन को 62 और ली पेन को 38 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई थी। दोनों ही दल मुख्य धारा के राजनीतिक दलों सोशलिस्ट, रिपब्लिकन को पछाड़ कर दौड़ में आगे निकले हैं। पिछले दो साल में कई आतंकी हमलों को देखते हुए करीब 50 हजार सुरक्षाकर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया। राष्ट्रपति ओलांद ने रविवार सुबह तुले शहर में वोट डाला। मैकरॉन ने पत्नी ब्रिगेट के साथ ली तोउकेत शहर और ली पेन ने हेनिन-बेउमोंट शहर में मतदान किया। मतदान के एक दिन पहले शनिवार को मैकरॉन के प्रचार अभियान में जबरदस्त हैकिंग सामने आई थी। इसने अमेरिकी चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के कैंपेन में सेंधमारी की याद दिला दी। हालांकि राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को भरोसा दिलाया है कि हैकिंग में रूस का कोई हाथ नहीं है।

पूर्व बैंकर मैकरॉन ने महज पांच साल पहले राजनीति में कदम रखा। दो साल राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ काम करने के बाद उन्होंने पिछले साल एन मार्श नाम से पार्टी बनाई और कुछ माह में छा गए। यूरोपीय संघ के देश मैकरॉन के जीतने की दुआ कर रहे थे। फ्रांस जर्मनी के बाद समूह की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। फ्रांस के बाद ब्रिटेन में 8 जून को और जर्मनी में 24 सितंबर को चुनाव होने हैं। फ्रांस में बेरोजगारी दस फीसदी के स्तर पर है। आलम यह है कि 25 साल से कम उम्र का हर चौथा शख्स बेरोजगार है। 2008 की मंदी से अर्थव्यवस्था उबर नहीं पाई है। दो साल में ताबड़तोड़ आतंकी हमलों से असुरक्षा की भावना चरम पर है।

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